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देहरादून संडे मार्केट विवाद पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, प्रशासन से दो हफ्ते में मांगा जवाब

देहरादून में लगने वाली संडे मार्केट विवाद एक बार फिर से हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रशासन को फिर से जांच कर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

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देहरादून संडे मार्केट विवाद पर सख्त हुआ हाईकोर्ट
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Published : Sep 18, 2020, 9:40 PM IST

देहरादून: राजधानी में लगने वाली संडे बाजार के विवाद मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने डीएम देहरादून को पुनः जांच करने के आदेश दिये हैं.


नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर देहरादून के परेड ग्राउंड व तिब्बती मार्केट के सामने लगने वाले सन्डे बाजार के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम कमिश्नर और जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव से दोबारा से मामले की जांच करने का आदेश दिये हैं. जिसका जवाब दो सप्ताह में पेश करने को कहा गया है.

देहरादून संडे मार्केट विवाद पर सख्त हुआ हाईकोर्ट

पढ़ें- शिफन कोर्ट से बेघर हुए परिवारों से मिलने पहुंचे UKD नेता, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

बता दें देहरादून के वीकली सन्डे मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती मार्केट के सामने 2004 से प्रत्येक रविवार को बाजार लगाते रहे हैं. जिसमें करीब तीन सौ से अधिक लोग दुकान लगाते हैं. ये सभी हर महीने नगर निगम को तीन सौ रूपये प्रति दुकान के हिसाब से किराया भी देते हैं.

पढ़ें- CM के पांच साल के बयान पर हरदा ने कसा तंज, कहा- अब तो देंगे पांच साल का हिसाब

2004 में जिला अधिकारी ने सन्डे बाजार लगाने के लिए यह जगह दी थी. मगर अब नगर निगम द्वारा प्रशासन से मिलकर एक जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देते हुए उन्हें हटा दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सन्डे को पूरा बाजार बन्द रहता और ट्रैफिक भी कम रहता हैय. इसलिए वे सन्डे को परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती बाजार के सामने दुकानें लगाते हैं. खुद ही वहां साफ सफाई भी करते आये हैं. सन्डे बाजार लगाने से गरीब लोगों को सस्ते में सामान मिल जाता है. इससे कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. लिहाज उनको दुकान लगाने दी जाए.

पढ़ें-कृषि अध्यादेशों के खिलाफ किसानों का जोरदार प्रदर्शन, बताया- उद्योगपतियों का हितैषी

वहीं, समिति का कहना है कि उनके नाम से एक अन्य समिति वहां फर्जी तरीके से नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर चल रही है. जिसकी जांच कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये. पूर्व में हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएम देहरादून व नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को दो महीने में निस्तारित करें. साथ ही सही कमेटी कौन सी है यह भी जांच करें.

देहरादून: राजधानी में लगने वाली संडे बाजार के विवाद मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने डीएम देहरादून को पुनः जांच करने के आदेश दिये हैं.


नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर देहरादून के परेड ग्राउंड व तिब्बती मार्केट के सामने लगने वाले सन्डे बाजार के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम कमिश्नर और जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव से दोबारा से मामले की जांच करने का आदेश दिये हैं. जिसका जवाब दो सप्ताह में पेश करने को कहा गया है.

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बता दें देहरादून के वीकली सन्डे मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती मार्केट के सामने 2004 से प्रत्येक रविवार को बाजार लगाते रहे हैं. जिसमें करीब तीन सौ से अधिक लोग दुकान लगाते हैं. ये सभी हर महीने नगर निगम को तीन सौ रूपये प्रति दुकान के हिसाब से किराया भी देते हैं.

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2004 में जिला अधिकारी ने सन्डे बाजार लगाने के लिए यह जगह दी थी. मगर अब नगर निगम द्वारा प्रशासन से मिलकर एक जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देते हुए उन्हें हटा दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सन्डे को पूरा बाजार बन्द रहता और ट्रैफिक भी कम रहता हैय. इसलिए वे सन्डे को परेड ग्राउंड के पीछे और तिब्बती बाजार के सामने दुकानें लगाते हैं. खुद ही वहां साफ सफाई भी करते आये हैं. सन्डे बाजार लगाने से गरीब लोगों को सस्ते में सामान मिल जाता है. इससे कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. लिहाज उनको दुकान लगाने दी जाए.

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वहीं, समिति का कहना है कि उनके नाम से एक अन्य समिति वहां फर्जी तरीके से नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर चल रही है. जिसकी जांच कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये. पूर्व में हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएम देहरादून व नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को दो महीने में निस्तारित करें. साथ ही सही कमेटी कौन सी है यह भी जांच करें.

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