ETV Bharat / state

हाई कोर्ट ने पूछा, क्यों न प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जाए, सरकार दे जवाब

प्रदूषण फैलाने वालीं फैक्ट्रियां बंद न होने पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सोमवार तक राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

हाई कोर्ट
author img

By

Published : Apr 25, 2019, 9:48 PM IST

नैनीतालः हाई कोर्ट ने प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियां को नोटिस देने के बावजूद बंद न होने पर सख्त रवैया अपनाया है. साथ ही कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व स्थानीय प्रशासन द्वारा सहयोग न करने पर नाराजगी व्यक्त की है.

प्रदूषण फैलाने वालीं फैक्ट्रियां बंद न होने पर हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई लताड़.

कोर्ट ने कहा कि अभी तक प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियां क्यों बंद नहीं हुई हैं. कोर्ट ने कहा है कि इस सम्बन्ध में सोमवार तक शपथपत्र पेश करें. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में प्रदेश की सभी फैक्ट्रियों की लिस्ट पेश की और कोर्ट को बताया कि उन्होंने प्रदूषण फैला रहीं कंपनियों को बंद करने के नोटिस जारी किये थे, लेकिन प्रशासन, पुलिस व बिजली विभाग द्वारा इनको बंद कराने के लिए सहयोग नहीं किया जा रहा है.


जिसके कारण फैक्ट्रियों को बंद कराने में दिक्कतें आ रही हैं. पूर्व में सरकार की तरफ से मौखिक रूप से खंडपीठ को अवगत कराया गया था कि प्रदूषण बोर्ड द्वारा अभी तक मानकों को पूरा न करने वाली लगभग 130 फैक्ट्रियों को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया था.


पूर्व में कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से प्रदेश की सभी फैक्ट्रियों की लिस्ट मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश की 30 से 35 फैक्ट्रियां ऐसी हैं जो केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वे इस पर कार्रवाई करें.


आपको बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उधम सिंह नगर में लगभग 27-28 इंडस्ट्रीज ऐसी हैं, जिनके द्वारा वायु व जल प्रदूषण किया जा रहा है.

जिससे कई लोगों की हेपेटाइट‌िस से मौत भी हो गई है. याचिका में कहा कि वहां की कृषि भूमि कृषि लायक भी नहीं रह गई है.

यह भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में अभी भी जमी हुई है 15 फीट से ज्यादा बर्फ, कैसे होगी यात्रा?

वहां का सारा पानी खेतों व नदियों में बहाया जा रहा है जिससे वहां की नदी भी दूषित हो रहा है.

नैनीतालः हाई कोर्ट ने प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियां को नोटिस देने के बावजूद बंद न होने पर सख्त रवैया अपनाया है. साथ ही कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व स्थानीय प्रशासन द्वारा सहयोग न करने पर नाराजगी व्यक्त की है.

प्रदूषण फैलाने वालीं फैक्ट्रियां बंद न होने पर हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई लताड़.

कोर्ट ने कहा कि अभी तक प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियां क्यों बंद नहीं हुई हैं. कोर्ट ने कहा है कि इस सम्बन्ध में सोमवार तक शपथपत्र पेश करें. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में प्रदेश की सभी फैक्ट्रियों की लिस्ट पेश की और कोर्ट को बताया कि उन्होंने प्रदूषण फैला रहीं कंपनियों को बंद करने के नोटिस जारी किये थे, लेकिन प्रशासन, पुलिस व बिजली विभाग द्वारा इनको बंद कराने के लिए सहयोग नहीं किया जा रहा है.


जिसके कारण फैक्ट्रियों को बंद कराने में दिक्कतें आ रही हैं. पूर्व में सरकार की तरफ से मौखिक रूप से खंडपीठ को अवगत कराया गया था कि प्रदूषण बोर्ड द्वारा अभी तक मानकों को पूरा न करने वाली लगभग 130 फैक्ट्रियों को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया था.


पूर्व में कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से प्रदेश की सभी फैक्ट्रियों की लिस्ट मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश की 30 से 35 फैक्ट्रियां ऐसी हैं जो केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वे इस पर कार्रवाई करें.


आपको बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उधम सिंह नगर में लगभग 27-28 इंडस्ट्रीज ऐसी हैं, जिनके द्वारा वायु व जल प्रदूषण किया जा रहा है.

जिससे कई लोगों की हेपेटाइट‌िस से मौत भी हो गई है. याचिका में कहा कि वहां की कृषि भूमि कृषि लायक भी नहीं रह गई है.

यह भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में अभी भी जमी हुई है 15 फीट से ज्यादा बर्फ, कैसे होगी यात्रा?

वहां का सारा पानी खेतों व नदियों में बहाया जा रहा है जिससे वहां की नदी भी दूषित हो रहा है.


स्लग- जवाब सरकार

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर -नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों नोटिस देने के बावजूद बंद ना होने पर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व  स्थानीय प्रशासन द्वारा सहयोग न करने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अभी तक प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों क्यों बन्द नही हुई हैै इस सम्बन्ध में सोमवार तक कोर्ट में शपथपत्र पेश करें, मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।
   आज सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में प्रदेश की सभी फैक्ट्रियो की लिस्ट पेश की और कोर्ट को बताया कि उन्होंने प्रदूषण फैला रही कम्पनियो को बन्द करने के नोटिस जारी किये थे। परन्तु प्रशासन ,पुलिस व बिजली विभाग द्वारा इनको बन्द कराने के लिए सहयोग नही कर रहा है। जिसके कारण फैक्टरियों को बन्द कराने में दिक्कतें आ रही है।   पूर्व में  सरकार की तरफ से  मौखिक रूप से खण्डपीठ को अवगत कराया गया था कि प्रदूषण बोर्ड द्वारा अभी तक मानको को पूरा नही करने वाली फैक्ट्रियो को चिन्हित कर लगभग  130 फैक्ट्रियो को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया था।  पूर्व में कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से प्रदेश की सभी फैक्ट्रियो की लिस्ट मांगी थी जिसमे कहा गया था कि प्रदेश की 30 से 35 फैक्ट्रियां ऐसी है जो केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण के मानको को पूरा नही कर पा रहे है। इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वे इस पर कार्यवाही करे। 
             आपको बतादे कि ऊधमसिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऊधमसिंह नगर में लगभग 27, 28 इंडस्ट्रीज ऐसी है जिनके द्वारा वायु व जल प्रदूषण किया जा रहा है। जिससें कई लोगों की हेपोटाइट‌िस से मौत भी हो गई है। याचिका में कहा कि वहां की कृषि भूमि कृषि लायक भी नहीं रह गई है। वहां का सारा पानी खेतों व नदियों में बहाया जा रहा है जिससे वहां की नदी भी दूषित हो रहा है।


बाईट सी के शर्मा अधिवक्ता नैनीताल हाई कोर्ट





ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.