नैनीताल: पिथौरागढ़ निवासी राइफलमैन त्रिलोक सिंह के संदिग्ध परिस्थितियों में गायब होने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने आईजी संजय गुंज्याल को इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया है. साथ ही कोर्ट ने संजय गुंज्याल को जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि, धारचुला के बलवाकोट निवासी जानकी देवी ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा है कि उनके पति त्रिलोक सिंह थर्ड बटालियन जम्मू-कश्मीर में तैनात थे. 12 अगस्त से 20 अगस्त 2014 को अवकाश पर घर आए थे. इस दौरान उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें 31 अगस्त 2014 को एमएच मिलिट्री हॉस्पिटल पिथौरागढ़ में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उपचार के लिए उच्चीकृत मिलिट्री हॉस्पिटल मेरठ रेफर कर दिया. उनके पति को मेरठ तक भेजने के लिए सेना ने अरविंद खत्री और अजय कुमार थापा को एस्कॉर्ट के लिए तैनात किया था. ताकि वह सुरक्षित मिलिट्री अस्पताल मेरठ में भर्ती हो सकें. लेकिन सफर के दौरान उनके पति हापुड़ रेलवे स्टेशन से लापता हो गए.
उन्होंने याचिका में कहा कि सेना ने इस संबंध में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई और न ही उन्हें ढूंढने का कोई प्रयास किया गया. उनके पति को भगोड़ा घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके पति जिंदा हैं या नहीं, इसकी भी किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई.
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पूर्व में कोर्ट ने 13 नवंबर 2019 को आदेश पारित कर सेना को विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे. सेना की ओर से जवाब में कहा गया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने संजय गुंज्याल (आईजी कुंभ) को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें 3 माह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.