नैनीताल: पिछले 30 घंटों से भी ज्यादा समय से हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त- व्यस्त कर दिया है. लगातार हो रही बारिश के चलते कोसी, गौला, नंदौर और रामगंगा नदी उफान पर हैं. वहीं, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भी बारिश का दौर जारी है, जिससे कुमाऊं की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिसे देखते हुए प्रशासन ने सभी लोगों से नदी के किनारे न जाने और नदियों के किनारे बसे लोगों से सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने की अपील की है.
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भले ही लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हो लेकिन 2 दिनों से हो रही बारिश का असर खेती और बागवानी के लिए मुफीद माना जा रहा है. गल्ला गांव के काश्तकार महेश गलिया ने कहा कि मॉनसून की पहली बारिश अगर अच्छी हो तो इसका काफी फायदा सब्जियों, फलों के लिए होता है. मॉनसून जून के अंतिम सप्ताह में पहुंच गया था, लेकिन पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं होने के कारण खेती और बागवानी के लिए दिक्कतें होनी शुरू हो गई थी. उनका कहना है कि रामगढ़, धारी, भीमताल और ओखलकांडा में अच्छी बारिश होने से सब्जियों, फलों और धान की रोपाई बेहतर हो पाएगी. वहीं काश्तकारों की मानें तो 2 दिन से हो रही बारिश से जनजीवन पर असर पड़ा है.
पहाड़ों में हो रही मूसलाधार बारिश से नौकुचियाताल गंगलिया गांव मोटर मार्ग भी बाधित हुआ है. इसके अलावा पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं. वहीं, पिछले 30 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश का असर उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. कुमाऊं की प्रमुख नदियां जैसे, काली, गोरी, सरयू, गोमती शारदा, रामगंगा और गौला नदियों से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले 1 हफ्ते में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं में भारी बारिश होगी और इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा. जिससे यूपी में बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है.