नैनीताल: समाज कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति में हुए 500 रुपए के घोटाले के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने 2 हफ्ते के भीतर घोटले की जांच रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है.
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कोर्ट ने छात्रवृति घोटाले को गंभीरता से लेते हुए आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में बनी एसआईटी को आदेश दिए कि प्रदेश के 11 जिलों में घोटाले की जांच शुरू करें. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि हरिद्वार और देहरादून जिले की जांच पूर्व जांच अधिकारी मंजूनाथ टीसी ही करेंगे. बता दें कि मंजूनाथ टीसी पहले से ही हरिद्वार और देहरादून में छात्रवृति घोटाले की जांच कर रहे है.
गौर हो कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है.
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जबकि, साल 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा था. लेकिन इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना था कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए.
शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने आईजी संजय गुंज्याल को प्रदेश के 11 जिलों में घोटालों की जांच शुरू करने के आदेश दिए है.