नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से यूपी और उत्तराखंड में निगम की परिसंपत्तियों के बंटवारे मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. खंडपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 7 अक्टूबर की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यूपी सरकार की तरफ से केंद्र के 2003 के नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इसलिए परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर कोई हल नहीं निकला है. साथ ही परिवहन सचिव रणजीत सिंह की ओर से कहा गया कि कर्मचारियों को जुलाई तक का वेतन का भुगतान कर दिया गया है. अगस्त के वेतन के लिए कैबिनेट की आगामी बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा.
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि परिवहन निगम की ओर से कर्मचारियों को आधा वेतन का भुगतान किया जा रहा है. अदालत इस मामले का संज्ञान ले. इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को इस मामले में शपथपत्र पेश करने के लिए कहा है. पूर्व में खंडपीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि यूपी और उत्तराखंड के दोनों मुख्य सचिवों की संयुक्त बैठक कर परिसंपत्तियों के बंटवारा का हल निकाले.
ये भी पढ़ेंः वर्चुअल तरीके से पोस्टमॉर्टम करने की याचिका पर सुनवाई, HC ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
कोर्ट के आदेश पर हुई बैठकः कोर्ट के आदेश के क्रम में केंद्र सरकार ने 9 सितंबर 2021 को दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिवों की संयुक्त बैठक कराई. बैठक में यूपी सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस संबंध में उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जो अभी लंबित है.
ये है मामलाः रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से जनहित याचिका दायर कहा गया था कि उनको निगम समय पर वेतन और अन्य भत्ते नहीं दे रहा है. इसके अलावा न ही रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन आदि का भुगतान किया जा रहा है. सरकार ने अभी तक यूपी व उत्तराखंड में निगम की परिसंपत्तियों के बंटवारे हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. यूपी के पास निगम की करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जिसका बंटवारा होना है.