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NIVH में छेड़छाड़ मामले को लेकर HC ने जताई नारजगी, केंद्र सरकार से एक हफ्ते में मांगा जवाब

देहरादून स्थित एनआईईपीवीडी में यौन शोषण प्रकरण में लापरवाही बरतने पर नैनीताल कोर्ट ने जताई नाराजगी. सरकार और संस्थान से मांगा जवाब.

नैनीताल हाई कोर्ट.
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Published : Jun 11, 2019, 8:12 PM IST

नैनीताल: देहरादून के NIVH में छात्राओं के साथ संगीत टीचर द्वारा छेड़छाड़ के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. इस दौरान केंद्र सरकार और NIVH को शपथ पत्र पेश कर एक हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने NIVH की पूर्व वाइस प्रिंसिपल अनुसुइया शर्मा की 100 पेजों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश न करने पर नाराजगी जताई. साथ ही कोर्ट ने NIVH कैंपस में बनी मस्जिद में आम लोगों के आने-जाने पर दृष्टिबाधित छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए. दोनों मामलों को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार और NIVH से एक हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी देते ललित बेलवाल, न्याय मित्र.

पढ़ें- NIEPVD मामले में HC ने लगाई फटकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट ने मामले का स्वत: लिया था संज्ञान
National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले का नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर FIR दर्ज करें. साथ ही 7 दिनों के अंदर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति के लिए कहा था. इसके अलावा NIVH में सीसीटीवी, जनरेटर की व्यवस्था करने को कहा गया था.

वहीं, कोर्ट ने पूर्व में देहरादून की एसएसपी को NIVH/NIEPVD में दो महिला सिपाहियों को भी तैनात करने को कहा था. पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NIVH की जांच के लिए हाई कोर्ट के अध्यक्ष ललित बेलवाल को न्याय मित्र नियुक्त किया था, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर कहा था कि एनआईवीएच में छात्राओं के साथ दुराचार हुआ है. साथ ही संस्थान में कई अनियमितताएं हैं.

गौर हो कि बीते अगस्त 2018 में NIEPVD के छात्र-छात्राओं के धरना की वजह से ये मामला प्रकाश में आया था. 10-12 दिनों से लगातार छात्र एनआईईपीवीडी की पूर्व डॉयरेक्टर अनुराधा डालमिया समेत कई अन्य टीचरों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे थे और उनपर छेड़खानी और दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. पुलिस और बाल आयोग मंत्रालय की जांच के बाद एनआईईपीवीडी की पूर्व डायरेक्टर अनुराधा डालमिया को हटा दिया गया था.

नैनीताल: देहरादून के NIVH में छात्राओं के साथ संगीत टीचर द्वारा छेड़छाड़ के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. इस दौरान केंद्र सरकार और NIVH को शपथ पत्र पेश कर एक हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने NIVH की पूर्व वाइस प्रिंसिपल अनुसुइया शर्मा की 100 पेजों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश न करने पर नाराजगी जताई. साथ ही कोर्ट ने NIVH कैंपस में बनी मस्जिद में आम लोगों के आने-जाने पर दृष्टिबाधित छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए. दोनों मामलों को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार और NIVH से एक हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी देते ललित बेलवाल, न्याय मित्र.

पढ़ें- NIEPVD मामले में HC ने लगाई फटकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट ने मामले का स्वत: लिया था संज्ञान
National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले का नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर FIR दर्ज करें. साथ ही 7 दिनों के अंदर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति के लिए कहा था. इसके अलावा NIVH में सीसीटीवी, जनरेटर की व्यवस्था करने को कहा गया था.

वहीं, कोर्ट ने पूर्व में देहरादून की एसएसपी को NIVH/NIEPVD में दो महिला सिपाहियों को भी तैनात करने को कहा था. पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NIVH की जांच के लिए हाई कोर्ट के अध्यक्ष ललित बेलवाल को न्याय मित्र नियुक्त किया था, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर कहा था कि एनआईवीएच में छात्राओं के साथ दुराचार हुआ है. साथ ही संस्थान में कई अनियमितताएं हैं.

गौर हो कि बीते अगस्त 2018 में NIEPVD के छात्र-छात्राओं के धरना की वजह से ये मामला प्रकाश में आया था. 10-12 दिनों से लगातार छात्र एनआईईपीवीडी की पूर्व डॉयरेक्टर अनुराधा डालमिया समेत कई अन्य टीचरों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे थे और उनपर छेड़खानी और दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. पुलिस और बाल आयोग मंत्रालय की जांच के बाद एनआईईपीवीडी की पूर्व डायरेक्टर अनुराधा डालमिया को हटा दिया गया था.

Intro:स्लग- एन आई वी एच

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- देहरादून के NIVH में छात्राओं के साथ संगीत टीचर द्वारा छेड़छाड़ के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और NIVH को शपथ पत्र पेश कर 1 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं,,,


Body:कोर्ट ने आज मामले में सुनवाई करते हुए NIVH की पूर्व वाइस प्रिंसिपल अनुसुइया शर्मा की 100 पेजों की रिपोर्ट आज तक कोर्ट में पेश न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 1 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है साथ ही कोर्ट ने NIVH कैंपस में बनी मस्जिद में आम लोगों के आने-जाने पर दृष्टिबाधित छात्रों की सुरक्षा पर सवाल करते हुए भी सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं,,,


Conclusion:आपको बता दें कि पूर्व में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले को नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्वत संज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर एफ आई आर दर्ज करें साथ ही 7 दिनों के भीतर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थाई निर्देशक की नियुक्ति करें और NIVH में सीसीटीवी,जनरेटर की व्यवस्था करें,,, वहीं कोर्ट ने पूर्व में देहरादून की एसएसपी को NIVH में दो महिला सिपाहियों की नियुक्ति करने को भी कहा था, पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NIVH मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के अध्यक्ष ललित बेलवाल को न्याय मित्र नियुक्त करा था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें जिसमें कहा गया था कि एनआईवीएच में छात्राओं के साथ दुराचार हुआ है साथ ही संस्थान में कई अनियमितताएं हैं,,,
आज मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और एनआईवीएच को शपथ पत्र पेश कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं

बाइट ललित बेलवाल न्याय मित्र नैनीताल हाई कोर्ट
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