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HC में IHM टिहरी की वित्तीय अनियमितता की हुई सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब - IHM टिहरी में वित्तीय अनियमितता

नैनीताल हाईकोर्ट ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर की नियुक्ति और उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता करने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब पेश करने को कहा है.

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HC में IHM टिहरी में वित्तीय अनियमितता मामले में सुनवाई
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Published : Dec 27, 2021, 7:12 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (State Institute of Hotel Management, Catering Technology & Applied Nutrition New Tehri) नई टिहरी के डायरेक्टर की नियुक्ति और उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता करने के मामले पर सुनवाई की. उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सेक्रेट्री टूरिज्म, पर्यटन विकास परिषद, राज्य सरकार, टेक्निकल विश्वविद्यालय से मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने डारेक्टर यशपाल सिंह नेगी को नोटिस जारी किया है.

मामले के अनुसार टिहरी निवासी सागर भंडारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि यह इंस्टीट्यूट पर्यटन विकास परिषद का उपक्रम है. इसके डायरेटर की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध जाकर की गई है. उनके पास इसके लिए निर्धारित योग्यताएं नहीं हैं. जब इनकी नियुक्ति हुई थी उनके पास पीएचडी की डिग्री एवं असिस्टेंट प्रोफेसर का अनुभव तक नहीं है.

ये भी पढ़ें: 4600 ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने किया सीएम आवास कूच, हिरासत में कई महिलाएं

इन्होंने विभाग के अधिकारियों से मिलकर इस पद हेतु विज्ञप्ति जारी कराई. इसके लिए वे एक मात्र अभ्यर्थी थे और इनको नियुक्ति दे दी गई. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इन्होंने 2015 से अब तक इंस्टीट्यूट के धन का दुरुपयोग किया है. ऐसे में इन्हें पद से हटाया जाए और सारे प्रकरण की जांच कराई जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (State Institute of Hotel Management, Catering Technology & Applied Nutrition New Tehri) नई टिहरी के डायरेक्टर की नियुक्ति और उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता करने के मामले पर सुनवाई की. उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सेक्रेट्री टूरिज्म, पर्यटन विकास परिषद, राज्य सरकार, टेक्निकल विश्वविद्यालय से मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने डारेक्टर यशपाल सिंह नेगी को नोटिस जारी किया है.

मामले के अनुसार टिहरी निवासी सागर भंडारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि यह इंस्टीट्यूट पर्यटन विकास परिषद का उपक्रम है. इसके डायरेटर की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध जाकर की गई है. उनके पास इसके लिए निर्धारित योग्यताएं नहीं हैं. जब इनकी नियुक्ति हुई थी उनके पास पीएचडी की डिग्री एवं असिस्टेंट प्रोफेसर का अनुभव तक नहीं है.

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इन्होंने विभाग के अधिकारियों से मिलकर इस पद हेतु विज्ञप्ति जारी कराई. इसके लिए वे एक मात्र अभ्यर्थी थे और इनको नियुक्ति दे दी गई. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इन्होंने 2015 से अब तक इंस्टीट्यूट के धन का दुरुपयोग किया है. ऐसे में इन्हें पद से हटाया जाए और सारे प्रकरण की जांच कराई जाए.

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