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उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर नियुक्ति मामला, 10 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

Uttarakhand Assembly back door appointments case नैनीताल हाईकोर्ट में विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की गई है. मामले में बबिता भंडारी और भूपेंद्र सिंह बिष्ठ समेत 102 लोगों ने एकलपीठ को चुनौती दी है. Uttarakhand High Court

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 7:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है.

विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ, कुलदीप सिंह और 102 अन्य ने एकलपीठ को चुनौती दी है. याचिकाओं में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 और 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दी गई थी. बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार और किस कारण की वजह से हटाया गया. इसका कहीं उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही उन्हें सुना गया है.

बर्खास्त कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों की तरह किया कार्य: बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया है. एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है. यह आदेश विधि के खिलाफ है. विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच में भी हुई हैंं, जिनको नियमित किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें: नैनीताल पाइंस श्मशान घाट तक सड़क निर्माण मामला, सरकार को कोर्ट में पेश करना होगा जवाब

याचिकाओं में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई, लेकिन उन्हें 6 वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया गया. अब उन्हें हटा दिया गया है. पहले उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी. जिसमें कोर्ट ने उनके हित में आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है, जबकि नियमानुसार 6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था.

ये भी पढ़ें: बलिया नाला भूस्खलन मामला: HC ने दिखाई सख्ती, नैनीताल DM को पेश करनी होगी विस्तृत रिपोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है.

विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ, कुलदीप सिंह और 102 अन्य ने एकलपीठ को चुनौती दी है. याचिकाओं में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 और 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दी गई थी. बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार और किस कारण की वजह से हटाया गया. इसका कहीं उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही उन्हें सुना गया है.

बर्खास्त कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों की तरह किया कार्य: बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया है. एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है. यह आदेश विधि के खिलाफ है. विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच में भी हुई हैंं, जिनको नियमित किया जा चुका है.

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याचिकाओं में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई, लेकिन उन्हें 6 वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया गया. अब उन्हें हटा दिया गया है. पहले उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी. जिसमें कोर्ट ने उनके हित में आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है, जबकि नियमानुसार 6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था.

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