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हाट बाजार के नाम पर डीएफओ ने 16 की जगह 121 पेड़ काटने की दी थी अनुमति, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट ने आज कासनगर तहसील के रुद्रपुर ग्राम पंचायत में हाट बाजार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. साथ ही मामले में कोर्ट ने सेक्रेटरी पंचायती राज को जांच कर अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Apr 11, 2023, 2:13 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में देहरादून विकासनगर तहसील के रुद्रपुर ग्राम पंचायत में हाट बाजार को लेकर सुनवाई हुई. मामला डीएफओ कालसी द्वारा 16 पेड़ों के बजाय 121 पेड़ काटने की अनुमति दिए जाने व हाट बाजार के निर्माण में हुई अनियमिताओं की जांच से जुड़ा हुआ है. जिसको लेकर हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सेक्रेटरी पंचायती राज को इस मामले की जांच कर अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

साथ ही कोर्ट ने सम्बंधित डीएफओ से पूछा है कि जब हाट बाजार निर्माण के लिए 16 पेड़ काटने की आवश्यकता थी, तो 121 पेड़ काटने की अनुमति कैसे दी गई. साथ ही तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त की तिथि नियत की है. मामले के अनुसार गांव के पुजारी विजेंद्र दत्त सकलानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गांव के लिए पूर्व में हाट बाजार प्रस्तावित था.
पढ़ें-उद्यान विभाग में अनियमितता मामले HC में पेश हुए निदेशक एचएस बवेजा, कोर्ट ने दिए ये आदेश

जिसको मनरेगा में दिखाकर 3 लाख रुपए हड़प लिए, जमीनी तौर पर कोई कार्य नहीं हुआ. 2021 में फिर इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किया गया और 16 लाख रुपए नाबार्ड बैंक से स्वीकृत हो गए. हाट बाजार निर्माण के लिए 16 पेड़ काटे जाने थे, लेकिन डीएफओ द्वारा इसकी आड़ मे 121 पेड़ काटने की अनुमति दी गयी. इसकी जांच जब तहसीलदार द्वारा कराई गयी तो हाट बाजार निर्माण में अनियमितताएं सामने आई. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए. साथ में हाट बाजार निर्माण में हुई अनियमितता की जांच कराई जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में देहरादून विकासनगर तहसील के रुद्रपुर ग्राम पंचायत में हाट बाजार को लेकर सुनवाई हुई. मामला डीएफओ कालसी द्वारा 16 पेड़ों के बजाय 121 पेड़ काटने की अनुमति दिए जाने व हाट बाजार के निर्माण में हुई अनियमिताओं की जांच से जुड़ा हुआ है. जिसको लेकर हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सेक्रेटरी पंचायती राज को इस मामले की जांच कर अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

साथ ही कोर्ट ने सम्बंधित डीएफओ से पूछा है कि जब हाट बाजार निर्माण के लिए 16 पेड़ काटने की आवश्यकता थी, तो 121 पेड़ काटने की अनुमति कैसे दी गई. साथ ही तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त की तिथि नियत की है. मामले के अनुसार गांव के पुजारी विजेंद्र दत्त सकलानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गांव के लिए पूर्व में हाट बाजार प्रस्तावित था.
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जिसको मनरेगा में दिखाकर 3 लाख रुपए हड़प लिए, जमीनी तौर पर कोई कार्य नहीं हुआ. 2021 में फिर इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किया गया और 16 लाख रुपए नाबार्ड बैंक से स्वीकृत हो गए. हाट बाजार निर्माण के लिए 16 पेड़ काटे जाने थे, लेकिन डीएफओ द्वारा इसकी आड़ मे 121 पेड़ काटने की अनुमति दी गयी. इसकी जांच जब तहसीलदार द्वारा कराई गयी तो हाट बाजार निर्माण में अनियमितताएं सामने आई. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए. साथ में हाट बाजार निर्माण में हुई अनियमितता की जांच कराई जाए.

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