नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज नैनीताल भीमताल के नागरी गांव को जाने वाले रास्ते पर हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की. इसी दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. साथ ही अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. वहीं, अब मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.
मामले के अनुसार भीमताल नागरी गांव निवासी बंसती देवी व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कुछ रसूखदार लोगों द्वारा नागरी गांव को जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण करके रास्ते की जगह को 14 फुट की जगह 6 फुट कर दिया गया है. इन लोगों ने रास्ते में ही गेट लगाकर रास्ते को और संकरा कर दिया है. जिसकी वजह से गांव में बीमार व्यक्तियों, बुजर्गों और स्कूली बच्चों को निजी वाहनों से लाने व ले जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
रास्ते पर हुए अतिक्रमण को लेकर कई बार ग्रामीणों द्वारा उच्चाधिकारियों सहित 2020 में सीएम पोर्टल पर भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ, जबकि पटवारी की रिपोर्ट में उक्त रास्ते पर अतिक्रमण होने की पुष्टि की गई.
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ग्रामीणों का कहना है कि सीएम पोर्टल अपने चंद कार्यों के मैसेज उनको भेजता है, लेकिन 3 साल पूर्व में दर्ज शिकायत का कोई मैसेज नहीं मिला है. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से नागरी गांव के रास्ते पर हुए अतिक्रमण हटाने की मांग की है.
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