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उत्तराखंड के स्कूलों में शौचालयों और पेयजल की स्थिति पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, दिया 14 दिन समय

Uttarakhand highcourt उत्तराखंड के स्कूलों में शौचालय और पेयजल सुविधाओं की स्थिति जानने के लिए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने नैनीताल के एक स्कूल की समस्या पर स्वयं संज्ञान लिया है.

Uttarakhand highcourt
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 25, 2023, 3:13 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के राजकीय इंटर कॉलेज, धानाचूली में शौचालय सुविधाओं के संबंध में सरपंच हंसा लोधियाल और धानाचूली वन पंचायत के 20 सितंबर 2023 के पत्र का स्वयं संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पत्र का विस्तृत रूप से संज्ञान लेकर सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने स्कूल हैं? उनमें कितनों में शौचालय व पीने की पानी की सुविधा है? उनकी देखरेख के लिए कितना बजट दिया जाता है? स्कूलों में अभिभावक संघ का गठन हुआ है या नहीं? दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराएं.

इस संबंध में कोर्ट ने सेक्रेटरी सेकेंडरी एजुकेशन व सेक्रेटरी हायर एजुकेशन से भी जवाब पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह काफी गंभीर समस्या है. स्कूलों में पानी और शौचालयों की सुविधा नहीं होना, बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है. मामले के मुताबिक, राजकीय इंटर कॉलेज धानाचूली, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक लगभग 450 छात्र अध्धयन कर रहे हैं, क्षेत्र का यह एकमात्र शिक्षा का संस्थान है, जो युवाओं की शिक्षा और विकास के लिए काम कर रहा है.
ये भी पढ़ेंः बागेश्वर लोनिवि की आवासीय कॉलोनी में अवैध निर्माण से जुड़ी याचिका निस्तारित, जानिए मामला

इस कॉलेज में कुल बारह शौचालय हैं. 6 शौचालय में ताला लगा हुआ है. जांच करने के उपरांत प्रधानाचार्य ने बताया कि ये शौचालय नियमित सफाई के लिए कर्मचारियों के अभाव के कारण बंद रहते हैं. यह चिंताजनक स्थिति छात्र व छात्राओं के लिए है. शौचालय नहीं होने से छात्राएं स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो रही हैं. कई बार इसकी शिकायत की गई परंतु सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के राजकीय इंटर कॉलेज, धानाचूली में शौचालय सुविधाओं के संबंध में सरपंच हंसा लोधियाल और धानाचूली वन पंचायत के 20 सितंबर 2023 के पत्र का स्वयं संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पत्र का विस्तृत रूप से संज्ञान लेकर सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने स्कूल हैं? उनमें कितनों में शौचालय व पीने की पानी की सुविधा है? उनकी देखरेख के लिए कितना बजट दिया जाता है? स्कूलों में अभिभावक संघ का गठन हुआ है या नहीं? दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराएं.

इस संबंध में कोर्ट ने सेक्रेटरी सेकेंडरी एजुकेशन व सेक्रेटरी हायर एजुकेशन से भी जवाब पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह काफी गंभीर समस्या है. स्कूलों में पानी और शौचालयों की सुविधा नहीं होना, बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है. मामले के मुताबिक, राजकीय इंटर कॉलेज धानाचूली, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक लगभग 450 छात्र अध्धयन कर रहे हैं, क्षेत्र का यह एकमात्र शिक्षा का संस्थान है, जो युवाओं की शिक्षा और विकास के लिए काम कर रहा है.
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इस कॉलेज में कुल बारह शौचालय हैं. 6 शौचालय में ताला लगा हुआ है. जांच करने के उपरांत प्रधानाचार्य ने बताया कि ये शौचालय नियमित सफाई के लिए कर्मचारियों के अभाव के कारण बंद रहते हैं. यह चिंताजनक स्थिति छात्र व छात्राओं के लिए है. शौचालय नहीं होने से छात्राएं स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो रही हैं. कई बार इसकी शिकायत की गई परंतु सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ.

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