नैनीताल: PAC और IRB में मुख्य आरक्षी, प्लाटून कमांडर की पदोन्नति का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता ललित कुमार के द्वारा पुलिस विभाग में चल रही पदोन्नति प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने राज्य सरकार, पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखंड, प्रमुख सचिव गृह, आईजी पुलिस को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि याचिकाकर्ता ललित कुमार समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड में आईआरबी समेत पीएसी के प्लाटून कमांडर और मुख्य आरक्षी के पदों पर पदोन्नति के लिए 22 जनवरी 2021 को विज्ञप्ति जारी की थी. जिसकी लिखित परीक्षा 21 फरवरी को हुई. लेकिन पुलिस मुख्यालय के द्वारा सिविल पुलिस, पीएसी, आईआरबी की लिखित परीक्षा संयुक्त रूप से कराई गई. जबकि मुख्यालय द्वारा सिविल पुलिस की विज्ञप्ति अलग से जारी की गई थी, जो बड़ी अनियमितता है.
इसके साथ ही आईआरबी और पीएसी को लिखित परीक्षा में किया जाने वाला सिलेबस भी सिविल पुलिस का था और मुख्यालय के द्वारा दोनों विज्ञप्तियों के आधार पर सिलेबस निर्धारित नहीं किया गया. पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अपना प्रत्यावेदन राज्य सरकार के पास ले जाने के निर्देश दिए थे.
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सरकार द्वारा याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को निरस्त करने के बाद याचिकाकर्ता ललित कुमार समेत अन्य ने पुनः हाईकोर्ट में याचिका दायर की और आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिर्देशक, आईजी पुलिस को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना फिर से जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.