नैनीतालः उत्तराखंड में सड़क निर्माण में हो रही अनियमितता के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, सचिव वन (secretary forest), सचिव लोक निर्माण विभाग (Secretary Public Works Department) समेत कई विभागों और एजेंसियों को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया (Amit Kholia) द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि उत्तराखंड में जितने भी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, उनमें भारी अनियमितता बरती जा रही है. सड़क निर्माण के दौरान मलबे को नदियों, खेतों समेत गांव में डाला जा रहा है. इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.
याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में चल रहे सड़कों के निर्माण का कार्य समय से पूरा नहीं किया जा रहा है. जिस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदारों व एजेंसियों के द्वारा डंपिंग जोन का निर्धारण भी नहीं किया गया है. ठेकेदार सड़क निर्माण से निकल रहे वेस्ट मेटेरियल को जगह-जगह फैला रहे हैं. जो आने वाले समय में पहाड़ी क्षेत्रों के लिए आपदा का कारण बन सकता है.
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मामले को गंभीरता से लेने के बाद मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान (Chief Justice Raghvendra Singh Chouhan) की खंडपीठ ने राज्य सरकार, सचिव वन, सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख वन संरक्षक, BRO, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, केंद्रीय सचिव सड़क परिवहन, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.