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Bakrid 2022: HC ने हरिद्वार के मंगलौर में दी बकरीद पर पशुवध करने की इजाजत - HC allows cattle sacrifice

नैनीताल हाईकोर्ट ने बकरीद पर मंगलौर में पशुवध स्लाटर हाउस में करने की इजाजत दे दी है. सरकार ने 3 मार्च, 2021 में शासनादेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए थे, जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था. इस पर मंगलौर निवासी इफ्तिकार व अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Jul 7, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Jul 7, 2022, 5:46 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले में सरकार द्वारा स्लॉटर हाउसों को पूर्ण रूप से बंद करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मंगलौर के लिए ही बकरीद पर पशुवध (qurbani on Bakrid) करने की इजाजत दे दी है. साथ में कोर्ट ने मंगलौर नगर पालिका व याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए है कि बकरीद पर पशुवध के लिए निर्मित स्लाटर हाउस में ही करें, अन्य जगह पर नहीं.

मामले के अनुसार सरकार ने 3 मार्च, 2021 में शासनादेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए थे, जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था. जिसके खिलाफ मंगलौर निवासी इफ्तिकार व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार धार्मिक क्षेत्रों में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है लेकिन पूरे जिले में बंद नहीं कर सकती है. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.
पढ़ें- Nupur Sharma Case: स्वामी आनंद स्वरूप को मिल रही धमकियां, CM धामी से लगाई सुरक्षा की गुहार

वहीं, सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला है. याचिकाकर्ता ने 10 जुलाई को बकरीद को देखते हुए सरकार के इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में यह भी कहा गया है कि मंगलौर में 87 प्रतिशत मुस्लिम रहते हैं. इसलिए बकरीद पर उन्हें पशुवध करने की इजाजत दी जाए.

इस मामले में सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट में कहा कि पिछले साल भी बकरी ईद पर इन लोगों को छूट दी गयी थी परन्तु इन लोगों के द्वारा स्लाटर हाउस होते हुए भी सड़कों और गलियों में पशुवध किया गया. जिसकी फोटो याचिका कर्ता द्वारा पेश की. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए याचिकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए कि पशुवध नवनिर्मित पशुवधशाला में ही करें. सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को यह भी बताया कि हरिद्वार हिंदुओं की धर्म स्थली है. इस क्षेत्र में पशुवध करना धर्म के खिलाफ है. सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले में सरकार द्वारा स्लॉटर हाउसों को पूर्ण रूप से बंद करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मंगलौर के लिए ही बकरीद पर पशुवध (qurbani on Bakrid) करने की इजाजत दे दी है. साथ में कोर्ट ने मंगलौर नगर पालिका व याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए है कि बकरीद पर पशुवध के लिए निर्मित स्लाटर हाउस में ही करें, अन्य जगह पर नहीं.

मामले के अनुसार सरकार ने 3 मार्च, 2021 में शासनादेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए थे, जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था. जिसके खिलाफ मंगलौर निवासी इफ्तिकार व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार धार्मिक क्षेत्रों में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है लेकिन पूरे जिले में बंद नहीं कर सकती है. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.
पढ़ें- Nupur Sharma Case: स्वामी आनंद स्वरूप को मिल रही धमकियां, CM धामी से लगाई सुरक्षा की गुहार

वहीं, सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला है. याचिकाकर्ता ने 10 जुलाई को बकरीद को देखते हुए सरकार के इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में यह भी कहा गया है कि मंगलौर में 87 प्रतिशत मुस्लिम रहते हैं. इसलिए बकरीद पर उन्हें पशुवध करने की इजाजत दी जाए.

इस मामले में सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट में कहा कि पिछले साल भी बकरी ईद पर इन लोगों को छूट दी गयी थी परन्तु इन लोगों के द्वारा स्लाटर हाउस होते हुए भी सड़कों और गलियों में पशुवध किया गया. जिसकी फोटो याचिका कर्ता द्वारा पेश की. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए याचिकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए कि पशुवध नवनिर्मित पशुवधशाला में ही करें. सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को यह भी बताया कि हरिद्वार हिंदुओं की धर्म स्थली है. इस क्षेत्र में पशुवध करना धर्म के खिलाफ है. सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है.

Last Updated : Jul 7, 2022, 5:46 PM IST
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