कालाढूंगीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को लेकर कांग्रेस पूरे प्रदेश में पदयात्रा निकाल रही है. इसी कड़ी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कालाढुंगी के कोटाबाग में पदयात्रा निकाली. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित भी किया. वहीं, हरदा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास का बकाया किराया माफ करने के फैसले पर सवाल खडे़ किए हैं. उन्होंने इसे परंपरा के खिलाफ बताया है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जानी चाहिए. राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों का बकाया किराया माफ कर रही है. जो पूरी तरह से गलत है. क्योंकि, एक बार कोई मुख्यमंत्री चुनाव हार जायेगा तो वह दूसरे मुख्यमंत्री से कहकर अपना किराया माफ करा लेगा. जो एक गलत पंरपरा है.
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वहीं, देश में आईएएस अधिकारियों के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की तरह अधिकारियों पर भी दबाव बना रही है. जो भी अधिकारी सत्ता के खिलाफ काम कर रहे हैं या उनके कामों को मना कर रहे हैं, उस अधिकारी पर बेवजह का दबाव बनाकर उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. साथ ही उसे कूचलने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि ये देश के लिए अच्छे संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि अपने विचारों को खुलकर बोलने की आजादी और किसी भी बात को लेकर असहमत होना लोकतंत्र का सार्थक आधार है, लेकिन केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद से देश के अंदर लोकतंत्र खतरे में आ गया है. जिसे हम सभी को मिलकर बचाना है. साथ ही सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा सरकार तानाशाही रास्ता अपना रही है.
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हरीश रावत ने बताया कि कोटाबाग ब्लॉक से 82 स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. उनका अमूल्य योगदान भारत को आजाद कराने में रहा है. जो देश के लिए गौरव की बात है. साथ ही कहा कि स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के साथ खड़े हैं. वो जानते है कि देश के विकास में कौन सी पार्टी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है.