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ईटीवी की खबर के बाद जागा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बायो मेडिकल वेस्ट पर हुआ अलर्ट

गुरुवार को ईटीवी भारत ने बताया था कि किस तरह हल्द्वानी में बायो मेडिकल वेस्ट कबाड़ी की दुकान पर पहुंच गया. इस खबर के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर जाग गए हैं. कोविड-19 के मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए विभाग सजग हो गया है.

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Published : May 7, 2021, 1:37 PM IST

Haldwani
हल्द्वानी

हल्द्वानीः ईटीवी भारत की खबर के बाद कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्वास्थ्य महकमा गंभीर हो गया है. कोविड-19 मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए पॉल्यूशन विभाग पूरी तरह सजग नजर आ रहा है. जिले के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पताल रोजाना पॉल्यूशन विभाग को अपने बायो मेडिकल वेस्ट का विवरण उपलब्ध करा रहे हैं. बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. कोविड-19 मरीजों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट काफी खतरनाक माना जाता है. ऐसे में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट को अस्पताल अपने सेंट्रल बायो वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए निस्तारित करने का काम कर रहा है.

सुशीला तिवारी अस्पताल से हर दिन निकल रहा 600KG से ज्यादा बायो मेडिकल वेस्ट

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हल्द्वानी करता है निगरानी

कुमाऊं मंडल के अस्पतालों से कोविड-19 के मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हल्द्वानी द्वारा किया जा रहा है. अस्पतालों द्वारा रोजाना कोविड-19 के मरीज से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास उपलब्ध कराना अनिवार्य है. क्षेत्रीय अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आरके चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड-19 के बायो मेडिकल निस्तारण को लेकर विभाग गंभीर है. उन्होंने बताया कि रोजाना अस्पतालों से सैकड़ों किलो बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है.

Haldwanis Pollution Control Board
ईटीवी भारत की खबर का असर

ये भी पढ़ेंः बड़ी लापरवाही: कबाड़ से बरामद हुआ कोविड जांच में इस्तेमाल बायो मेडिकल वेस्ट

देहरादून मुख्यालय भेजी जाती है रिपोर्ट

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट उनके द्वारा अपने इंसीनरेटर के माध्यम से निस्तारण करने का काम किया जाता है. जबकि शहर के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण उधमसिंह नगर स्थित निजी कंपनी ग्लोबल एनवायरनमेंट प्लांट में किया जाता है. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के 5 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा रोजाना बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण का विवरण प्रदूषण विभाग के पास रिपोर्ट के द्वारा दिया जाता है. रोजाना निकलने वाले मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट देहरादून मुख्यालय को भेजी जाती है, जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगे की कार्रवाई करता है.

वहीं कबाड़ी की दुकान में भारी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट मिलने पर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग और मौसम विभाग द्वारा जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बताते चलें कि गुरुवार को हमने हल्द्वानी में कोरोना मरीजों के बायो मेडिकल वेस्ट की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इस खबर से हल्द्वानी प्रशासन और संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में कबाड़ी की दुकान से बायो मेडिकल वेस्ट को रिकवर किया गया था.

हल्द्वानीः ईटीवी भारत की खबर के बाद कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्वास्थ्य महकमा गंभीर हो गया है. कोविड-19 मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए पॉल्यूशन विभाग पूरी तरह सजग नजर आ रहा है. जिले के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पताल रोजाना पॉल्यूशन विभाग को अपने बायो मेडिकल वेस्ट का विवरण उपलब्ध करा रहे हैं. बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. कोविड-19 मरीजों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट काफी खतरनाक माना जाता है. ऐसे में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट को अस्पताल अपने सेंट्रल बायो वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए निस्तारित करने का काम कर रहा है.

सुशीला तिवारी अस्पताल से हर दिन निकल रहा 600KG से ज्यादा बायो मेडिकल वेस्ट

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हल्द्वानी करता है निगरानी

कुमाऊं मंडल के अस्पतालों से कोविड-19 के मरीजों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हल्द्वानी द्वारा किया जा रहा है. अस्पतालों द्वारा रोजाना कोविड-19 के मरीज से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास उपलब्ध कराना अनिवार्य है. क्षेत्रीय अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आरके चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड-19 के बायो मेडिकल निस्तारण को लेकर विभाग गंभीर है. उन्होंने बताया कि रोजाना अस्पतालों से सैकड़ों किलो बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है.

Haldwanis Pollution Control Board
ईटीवी भारत की खबर का असर

ये भी पढ़ेंः बड़ी लापरवाही: कबाड़ से बरामद हुआ कोविड जांच में इस्तेमाल बायो मेडिकल वेस्ट

देहरादून मुख्यालय भेजी जाती है रिपोर्ट

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट उनके द्वारा अपने इंसीनरेटर के माध्यम से निस्तारण करने का काम किया जाता है. जबकि शहर के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण उधमसिंह नगर स्थित निजी कंपनी ग्लोबल एनवायरनमेंट प्लांट में किया जाता है. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के 5 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा रोजाना बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण का विवरण प्रदूषण विभाग के पास रिपोर्ट के द्वारा दिया जाता है. रोजाना निकलने वाले मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट देहरादून मुख्यालय को भेजी जाती है, जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगे की कार्रवाई करता है.

वहीं कबाड़ी की दुकान में भारी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट मिलने पर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग और मौसम विभाग द्वारा जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बताते चलें कि गुरुवार को हमने हल्द्वानी में कोरोना मरीजों के बायो मेडिकल वेस्ट की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इस खबर से हल्द्वानी प्रशासन और संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में कबाड़ी की दुकान से बायो मेडिकल वेस्ट को रिकवर किया गया था.

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