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हल्द्वानी: वाटिका में दुर्लभ प्रजाति के वनस्पतियों को किया जा रहा संरक्षित, इलाज में मिलेगी मदद

वन अनुसंधान केंद्र ने मानव अंग वाटिका तैयार की है. जिसमें मानव अंगों के उपचार में आने वाले वनस्पतियों का संरक्षण किया जा रहा है.

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Published : Dec 28, 2019, 1:38 PM IST

हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र न्यूज  Haldwani Forest Research Center News
वन अनुसंधान केंद्र

हल्द्वानी: वन अनुसंधान केंद्र ने मानव अंग वाटिका तैयार की है. जिसमें मानव अंगों के उपचार में आने वाले वनस्पतियों का संरक्षण किया जा रहा है. वन अनुसंधान केंद्र इस वाटिका से वनस्पतियों के जरिए मानव शरीर के बीमार अंगों का इलाज करने में समर्थ वनस्पतियों की जानकारियां दे रहा है.

वन अनुसंधान केंद्र ने तैयार की मानव अंग वाटिका.

बता दें कि हल्द्वानी नगर के एफटआई स्थित फॉरेस्ट्री रिसर्च सेंटर दुर्लभ प्रजातियों की वनस्पतियों को संरक्षित करने के क्षेत्र में कई उपलब्धि हासिल कर चुका है. अनुसंधान केंद्र में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम पर भी कई वाटिकाएं बनाई गई हैं. जहां दुर्लभ प्रजाति के वनस्पति और पौधों को संरक्षित किया गया है. यही नहीं डायबिटीज बीमारी का रामबाण इलाज कासनी वनस्पति का जनक भी हल्द्वानी अनुसंधान केंद्र को ही माना जाता है. वहीं अब वन अनुसंधान केंद्र मानव वाटिका तैयार कर शरीर के बीमार अंगों के इलाज में सहायक वनस्पतियों का संरक्षण कर रहा है. साथ ही यह जानकारी जनता से भी सांझा कर रहा है.

ये भी पढ़ें: प्रदूषण रोकने के लिए MDDA कर रहा गंगा तट पर भवनों का सर्वे, होगी कड़ी कार्रवाई

वन अनुसंधान केंद्र प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि मानव वाटिका के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जा रहा है, कैसे दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षित कर उनका प्रयोग बीमार अंगों के इलाज में किया जा सकता है.

हल्द्वानी: वन अनुसंधान केंद्र ने मानव अंग वाटिका तैयार की है. जिसमें मानव अंगों के उपचार में आने वाले वनस्पतियों का संरक्षण किया जा रहा है. वन अनुसंधान केंद्र इस वाटिका से वनस्पतियों के जरिए मानव शरीर के बीमार अंगों का इलाज करने में समर्थ वनस्पतियों की जानकारियां दे रहा है.

वन अनुसंधान केंद्र ने तैयार की मानव अंग वाटिका.

बता दें कि हल्द्वानी नगर के एफटआई स्थित फॉरेस्ट्री रिसर्च सेंटर दुर्लभ प्रजातियों की वनस्पतियों को संरक्षित करने के क्षेत्र में कई उपलब्धि हासिल कर चुका है. अनुसंधान केंद्र में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम पर भी कई वाटिकाएं बनाई गई हैं. जहां दुर्लभ प्रजाति के वनस्पति और पौधों को संरक्षित किया गया है. यही नहीं डायबिटीज बीमारी का रामबाण इलाज कासनी वनस्पति का जनक भी हल्द्वानी अनुसंधान केंद्र को ही माना जाता है. वहीं अब वन अनुसंधान केंद्र मानव वाटिका तैयार कर शरीर के बीमार अंगों के इलाज में सहायक वनस्पतियों का संरक्षण कर रहा है. साथ ही यह जानकारी जनता से भी सांझा कर रहा है.

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वन अनुसंधान केंद्र प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि मानव वाटिका के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जा रहा है, कैसे दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षित कर उनका प्रयोग बीमार अंगों के इलाज में किया जा सकता है.

Intro:sammry- वन अनुसंधान ने किया मानव अंग वाटिका तैयार वनस्पतियों के माध्यम से जान सकते हैं शरीर के अंगो का इलाज।


एंकर- दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षित करने का काम करने वाला हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र एक बार फिर पहल करते हुए मानव अंग वाटिका तैयार किया है ।जिसके माध्यम से वन अनुसंधान केंद्र मानव के हर अंग के उपचार में आने वाले वनस्पतियों का संरक्षण कर रहा है ।इन वनस्पतियों के माध्यम से बताया गया है कि शरीर के बीमार अंग में कौन सी वनस्पति का प्रयोग कर सकते हैं जिससे कि उनकी बीमारी ठीक हो सके।


Body:हल्द्वानी के एफटआई स्थित फॉरेस्ट्री रिसर्च सेंटर दुर्लभ प्रजातियों के वनस्पतियों के संरक्षित करने के क्षेत्र में कई उपलब्धि हासिल कर चुका है। अनुसंधान केंद्र में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम पर बनाए गए बाटिका सहित कई वाटिका बनाए गए हैं जहां दुर्लभ प्रजाति के वनस्पति और पौधों के संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। यही नहीं डायबिटीज बीमारी के रामबाण इलाज कासनी का वनस्पति का जनक भी हल्द्वानी अनुसंधान केंद्र को ही माना जाता है। ऐसे वन अनुसंधान केंद्र मानव वाटिका तैयार कर शरीर के बीमार अंग के इलाज में कौन सी वनस्पति का प्रयोग कर सकते हैं जिससे कि उस अंग की बीमारी ठीक हो सके बताया गया है।


Conclusion:अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि मानव वाटिका के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि दुर्लभ वनस्पतियों को कैसे संरक्षित कर सकते है और उन वनस्पतियों का प्रयोग कर अपने बीमार अंगों के इलाज में ला सकते हैं जिससे कि आप और रोग मुक्त रह सकें।


बाइट -मदन बिष्ट प्रभारी वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी
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