हल्द्वानी: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र जैव विविधता के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है. इसी कड़ी में अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी द्वारा देवी वाटिका तैयार की गई है, जहां मां भगवती के चार रूपों का वर्णन किया गया है. वाटिका में मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती और काली को समर्पित प्रिय पौधों को लगाया गया है. ऐसे में ये वाटिका शारदीय नवरात्रि पर आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है.
आकर्षण का केन्द्र बनी देवी वाटिका: अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में कई अन्य वाटिका तैयार की गई हैं. इनमें से एक देवी वाटिका भी तैयार की गई है. मां भगवती के चारों रूपों को दर्शाते हुए उनके प्रिय पेड़ -पौधों को संरक्षित करने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि मां दुर्गा के लिए नीम का पेड़, लक्ष्मी के लिए केला, सरस्वती के लिए आंवला और मां काली के लिए गुड़हल का पेड़ लगाया है.
लोग देवी वाटिका का कर सकते हैं दीदार: मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि इस वाटिका के माध्यम से लोगों को पेड़ पौधों को संरक्षित करने के लिए भी जागरूक किया गया है, ताकि लोग इन पेड़ों के विषय में जानकारी हासिल कर सकें. उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दिन चल रहे हैं, इसलिए अनुसंधान केंद्र ने आम लोगों के लिए देवी वाटिका को खोल दिया है, जिससे लोग देवी वाटिका को देख सकें.
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शोधार्थी हासिल कर रहे पौधों की जानकारी: अनुसंधान केंद्र में विभिन्न प्रकार के विलुप्त हो रही प्रजातियों के पेड़ पौधों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है. शोधार्थी और स्कूली छात्र भी समय-समय पर अनुसंधान केंद्र में आकर विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों के संबंध में जानकारी हासिल करते हैं.
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