ETV Bharat / state

पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र, पेश कर रहा नजीर

हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसे कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायो डायवर्सिटी पार्क है.

Etv Bharat
पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र
author img

By

Published : Jun 5, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 3:44 PM IST

पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र

हल्द्वानी: आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरे देश में धरती को हरा-भरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लिया जा रहा है. आज इसी कड़ी में हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक धरोहर बनकर उभर रहा है. यहां करीब 14 एकड़ में 800 से अधिक प्रजातियों के पेड़ पौधों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा. पिछले सात सालों से देश-विदेशों के लाखों औषधीय पौधे यहां से उत्पादित हो चुके हैं. कासनी नाम के औषधीय पौधे का जनक भी हल्द्वानी की पौधशाला को कहा जाता है.

वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क है. यहां जैव विविधता को बचाने के लिए अनुसंधान केंद्र में ही कछुआ, बतख, मधुमक्खी, तितलियों और पक्षियों के संरक्षण की व्यवस्था है. इससे लोग जैव विविधता के साथ पक्षियों का भी दीदार कर इनकी विशेषता जान सकेंगे.
पढ़ें- हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में बनाया गया एक्वेटिक जोन, 5 तरह की वॉटर लिली, लोटस की कई प्रजातियां मौजूद

अनुसंधान केंद्र में देश भर के विभिन्न राज्यों से 106 प्रजातियों के फाइकस पौधों को संरक्षित किया गया है. इनमें से कई ऐसे पौधे हैं जो विलुप्त प्राय हैं. अनुसंधान केंद्र में जलीय वाटिका भी तैयार की गई है. इसमें करीब 24 प्रजातियों के पुष्प लगाए गए हैं. वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी के नेतृत्व में यहां कई नजीर पेश की जा चुकी हैं. अनुसंधान केंद्र की पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ देश विदेशों में है. उप वन संरक्षक बलवंत सिंह साहिब ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में सैकड़ों विलुप्त प्रजातियों के पौधों के साथ-साथ धार्मिक महत्व रखने वाले रुद्राक्ष, पंचवटी और नवग्रह, रामायण वाटिका, नक्षत्र वाटिका सहित कई अन्य धार्मिक महत्व के पौधे भी पर्यावरण संरक्षण के तहत पौधशाला की शान बने हुए हैं. अनुसंधान केंद्र के पौधे उत्तराखंड के साथ-साथ ताजमहल, लालकिला, दिल्ली यूनिवर्सिटी और राष्ट्रपति भवन सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की शान बढ़ा रहे हैं.

पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र

हल्द्वानी: आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरे देश में धरती को हरा-भरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लिया जा रहा है. आज इसी कड़ी में हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक धरोहर बनकर उभर रहा है. यहां करीब 14 एकड़ में 800 से अधिक प्रजातियों के पेड़ पौधों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा. पिछले सात सालों से देश-विदेशों के लाखों औषधीय पौधे यहां से उत्पादित हो चुके हैं. कासनी नाम के औषधीय पौधे का जनक भी हल्द्वानी की पौधशाला को कहा जाता है.

वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क है. यहां जैव विविधता को बचाने के लिए अनुसंधान केंद्र में ही कछुआ, बतख, मधुमक्खी, तितलियों और पक्षियों के संरक्षण की व्यवस्था है. इससे लोग जैव विविधता के साथ पक्षियों का भी दीदार कर इनकी विशेषता जान सकेंगे.
पढ़ें- हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र में बनाया गया एक्वेटिक जोन, 5 तरह की वॉटर लिली, लोटस की कई प्रजातियां मौजूद

अनुसंधान केंद्र में देश भर के विभिन्न राज्यों से 106 प्रजातियों के फाइकस पौधों को संरक्षित किया गया है. इनमें से कई ऐसे पौधे हैं जो विलुप्त प्राय हैं. अनुसंधान केंद्र में जलीय वाटिका भी तैयार की गई है. इसमें करीब 24 प्रजातियों के पुष्प लगाए गए हैं. वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी के नेतृत्व में यहां कई नजीर पेश की जा चुकी हैं. अनुसंधान केंद्र की पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ देश विदेशों में है. उप वन संरक्षक बलवंत सिंह साहिब ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में सैकड़ों विलुप्त प्रजातियों के पौधों के साथ-साथ धार्मिक महत्व रखने वाले रुद्राक्ष, पंचवटी और नवग्रह, रामायण वाटिका, नक्षत्र वाटिका सहित कई अन्य धार्मिक महत्व के पौधे भी पर्यावरण संरक्षण के तहत पौधशाला की शान बने हुए हैं. अनुसंधान केंद्र के पौधे उत्तराखंड के साथ-साथ ताजमहल, लालकिला, दिल्ली यूनिवर्सिटी और राष्ट्रपति भवन सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की शान बढ़ा रहे हैं.

Last Updated : Jun 5, 2023, 3:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.