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वित्तीय संकट से जूझ रही फैक्ट्रियों को राहत, कुमाऊं में 18 हजार कर्मचारियों को मिला योजना का लाभ

लॉकडाउन के चलते वित्तीय संकट से जूझ रहे फैक्ट्रियों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरूआत की है. जिसके तहत कुमाऊं मंडल के करीब 1000 संस्थानों और उनसे जुड़े करीब 18 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलने जा रहा है.

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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
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Published : Jul 1, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 1:49 PM IST

हल्द्वानी: लॉकडाउन के चलते कई फैक्ट्रियां और संस्थाएं वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. यहां तक कि कई फैक्ट्रियां बंद भी हो चुकी हैं. ऐसे में इन संस्थानों को जीवित रखने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उनके कर्मचारियों के भविष्य निधि में जमा होने वाले पीएफ का 24% अंशदान कर रही है. जिससे कंपनी और कर्मचारियों पर बोझ ना पड़े.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना

पढ़ें- विशेष : 2015 की आर्थिक नाकेबंदी के कारण नेपाल गया चीन के करीब

योजना के तहत कुमाऊं मंडल के करीब 1000 संस्थानों और उनसे जुड़े करीब 18 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलने जा रहा है. क्षेत्रीय प्रवर्तन अधिकारी ईपीएफओ विभाग अमित अधिकारी के मुताबिक जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उनके कर्मचारियों को तनख्वाह ₹15000 तक है, उन संस्थानों के कर्मचारियों और संस्थान द्वारा जाने वाले 24% पीएफ अंशदान को भारत सरकार जमा कर रही है.

इस योजना के तहत सबसे ज्यादा फायदा छोटे उद्योगों के अलावा ठेकेदारों, होटल और रेस्टोरेंट के अलावा उद्यमियों को मिलेगा. जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं. इस योजना के लाभ लेने के लिए सभी संस्थानों को ईसीआर यानी (इलेक्ट्रॉनिक चालान रिटर्न) भरना आवश्यक है. प्रवर्तन अधिकारी के मुताबिक, कुमाऊं मंडल के करीब 750 संस्थानों के कर्मचारियों और पीएफ धारकों को लाभ मिल चुका है जबकि, करीब 300 संस्थाएं अभी भी बाकी है जिनको लाभ दिया जाना है.

हल्द्वानी: लॉकडाउन के चलते कई फैक्ट्रियां और संस्थाएं वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. यहां तक कि कई फैक्ट्रियां बंद भी हो चुकी हैं. ऐसे में इन संस्थानों को जीवित रखने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उनके कर्मचारियों के भविष्य निधि में जमा होने वाले पीएफ का 24% अंशदान कर रही है. जिससे कंपनी और कर्मचारियों पर बोझ ना पड़े.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना

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योजना के तहत कुमाऊं मंडल के करीब 1000 संस्थानों और उनसे जुड़े करीब 18 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलने जा रहा है. क्षेत्रीय प्रवर्तन अधिकारी ईपीएफओ विभाग अमित अधिकारी के मुताबिक जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उनके कर्मचारियों को तनख्वाह ₹15000 तक है, उन संस्थानों के कर्मचारियों और संस्थान द्वारा जाने वाले 24% पीएफ अंशदान को भारत सरकार जमा कर रही है.

इस योजना के तहत सबसे ज्यादा फायदा छोटे उद्योगों के अलावा ठेकेदारों, होटल और रेस्टोरेंट के अलावा उद्यमियों को मिलेगा. जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं. इस योजना के लाभ लेने के लिए सभी संस्थानों को ईसीआर यानी (इलेक्ट्रॉनिक चालान रिटर्न) भरना आवश्यक है. प्रवर्तन अधिकारी के मुताबिक, कुमाऊं मंडल के करीब 750 संस्थानों के कर्मचारियों और पीएफ धारकों को लाभ मिल चुका है जबकि, करीब 300 संस्थाएं अभी भी बाकी है जिनको लाभ दिया जाना है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 1:49 PM IST
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