हल्द्वानी: पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन चेतन चौहान का हल्द्वानी के बेरीपड़ाव गांव से पुराना रिश्ता रहा है. बेरीपड़ाव में चेतन चौहान और उनके बड़े भाई सुरेश प्रताप चौहान का मकान है, जहां चेतन समय-समय पर आया करते थे. ऐसे में चेतन चौहान के निधन पर गांव में शोक की लहर है.
बेरीपड़ाव के लोग काफी दुखी
चेतन चौहान के निधन पर गांववासी काफी दुखी हैं. उनका कहना है कि चेतन गांव के लोगों के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहते थे. चेतन का सपना था कि गांव में एक क्रिकेट एकेडमी खोली जाए, लेकिन उनका ये सपना अधूरा रह गया.
क्रिकेट एकेडमी खोलने का था सपना
ग्रामीणों का कहना है कि चेतन चौहान जब भी बेरीपड़ाव पहुंचते थे तो आसपास के लोगों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जानते थे. पिछले साल अपनी भाभी के निधन पर वो यहां आए थे. इस दौरान भी उन्होंने लोगों से मुलाकात कर गांव के विकास को लेकर चर्चा की थी.
उधर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से मिलकर उन्होंने क्रिकेट एकेडमी खोलने की बात की थी. लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो पाया.
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फिलहाल, चेतन चौहान के बड़े भाई सुरेश प्रताप के आवास की देखभाल उनके रिश्तेदार प्रमोद चंद्र कर रहे हैं. सुरेश प्रताप सिंह इन दिनों दिल्ली में हैं. बताया जा रहा है कि चेतन चौहान का पैतृक गांव मुरादाबाद के मुंडा पांडे में है.
गौर हो कि बीते रोज (16 अगस्त) उत्तर प्रदेश के होमगार्ड मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. चेतन चौहान कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे.