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Gupt Navratri 2023: आज से शुरू हुई आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि, ये है शुभ मुहूर्त और महत्व

आज 19 जून 2023 से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है. इस बार गुप्त नवरात्रि पर खास योग बना है. पौराणिक मान्यताओं वाली गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने से हर मनोरथ पूरे होते ऐसा कहा जाता है. इस बार गुप्त नवरात्रि 19 जून से 28 जून तक हैं.

Gupt Navratri
गुप्त नवरात्रि शुरू
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Published : Jun 19, 2023, 11:11 AM IST

गुप्त नवरात्रि शुरू

हल्द्वानी: इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून यानी आज से शुरू हो गई है. सनातन धर्म में आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत बड़ा महत्व है. ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा अर्चना होती है. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि को सिद्धि और साधना के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. साधक गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-मंत्र के लिए विशेष साधना करते हैं.

गुप्त नवरात्रि पर बना दुर्लभ योग: जाने माने ज्योतिषाचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी के अनुसार आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई हैं. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि इस बार 19 जून यानी आज से शुरू हो गई हैं. गुप्त नवरात्रि का समापन 28 नवंबर को होगा. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि 9 दिनों की है. इस दौरान 25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग क योग बन रहा है. संपूर्ण गुप्त नवरात्रि की अवधि में 4 रवि योग का संयोग बना है, जो बहुत ही दुर्लभ बताया जा रहा है.
पढ़ें-रात्रि प्रवास के लिए मां भगवती चंडिका यात्रा पहुंची फलासी, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

गुप्त नवरात्रि में इस तरह करें मां की उपासना: सुबह उठकर स्नान कर नवरात्रि व्रत का संकल्प लें. इसके बाद माता की चौकी सजाकर पूजन सामग्री रखें. पूजन सामग्री में फूल, फल, आम के पत्ते, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, पिसी हल्दी, रोली, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जावित्री, नारियल, गंगाजल इत्यादि शामिल करें. इसके बाद अखंड ज्योति जलाएं. अब माता की आरती करें. नवरात्रि कथा का पाठ करके पूजा संपन्न होगी.

गुप्त नवरात्रि में जातक 10 महाविद्याओं से मनवांझित फल प्राप्त करने के लिए अनेक उपाय करते हैं. इन उपायों में मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्न मस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी एवं मां कमला की विधि विधान से पूजा संपन्न कर तंत्र साधना की जाती है.

पर्व की धार्मिक मान्यता: सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के समय भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं. इसलिए इस दौरान देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं. देव शक्तियां कमजोर होने के कारण इस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है. इनकी विपत्तियों से बचने के लिए गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा-पाठ और उपासना करते हैं.

गुप्त नवरात्रि शुरू

हल्द्वानी: इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून यानी आज से शुरू हो गई है. सनातन धर्म में आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत बड़ा महत्व है. ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा अर्चना होती है. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि को सिद्धि और साधना के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. साधक गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-मंत्र के लिए विशेष साधना करते हैं.

गुप्त नवरात्रि पर बना दुर्लभ योग: जाने माने ज्योतिषाचार्य डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी के अनुसार आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई हैं. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि इस बार 19 जून यानी आज से शुरू हो गई हैं. गुप्त नवरात्रि का समापन 28 नवंबर को होगा. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि 9 दिनों की है. इस दौरान 25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग क योग बन रहा है. संपूर्ण गुप्त नवरात्रि की अवधि में 4 रवि योग का संयोग बना है, जो बहुत ही दुर्लभ बताया जा रहा है.
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गुप्त नवरात्रि में इस तरह करें मां की उपासना: सुबह उठकर स्नान कर नवरात्रि व्रत का संकल्प लें. इसके बाद माता की चौकी सजाकर पूजन सामग्री रखें. पूजन सामग्री में फूल, फल, आम के पत्ते, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, पिसी हल्दी, रोली, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जावित्री, नारियल, गंगाजल इत्यादि शामिल करें. इसके बाद अखंड ज्योति जलाएं. अब माता की आरती करें. नवरात्रि कथा का पाठ करके पूजा संपन्न होगी.

गुप्त नवरात्रि में जातक 10 महाविद्याओं से मनवांझित फल प्राप्त करने के लिए अनेक उपाय करते हैं. इन उपायों में मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्न मस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी एवं मां कमला की विधि विधान से पूजा संपन्न कर तंत्र साधना की जाती है.

पर्व की धार्मिक मान्यता: सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के समय भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं. इसलिए इस दौरान देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं. देव शक्तियां कमजोर होने के कारण इस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है. इनकी विपत्तियों से बचने के लिए गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा-पाठ और उपासना करते हैं.

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