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हल्द्वानी के गुलाब नेगी ने घर में बसाया परिंदों का संसार, बेजुबानों का रखते हैं बहुत ख्याल - Haldwani Injured Bird Rescue

इंसानों का इंसानों से प्यार तो आपने बहुत देखा होगा, लेकिन हल्द्वानी के गुलाब सिंह को पक्षियों से बहुत लाड़-प्यार है. गुलाब सिंह के बगीचे में कई प्रजातियों की पक्षियां रहती हैं. परिंदों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था भी खुद गुलाब सिंह करते हैं. गुलाब ने अपने बगीचे में घायल पक्षियों को रखने के लिए बाड़ा भी तैयार किया है और उनका इलाज के बाद उनकी देखभाल वो खुद करते हैं.

Haldwani
घर में बसाया परिंदों का संसार
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Published : Mar 5, 2022, 10:43 AM IST

Updated : Mar 5, 2022, 11:41 AM IST

हल्द्वानी: भागदौड़ वाली जिंदगी में जहां लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, वहीं कुछ लोग बेजुबानों की सेवा में समर्पित दिखाई देते हैं. कुछ ऐसी ही सुकून देने वाली तस्वीर हल्द्वानी से सामने आई है. यहां गुलाब सिंह नाम के शख्स ने परिंदों का संसार बसा रखा है. साथ ही वो घायल पक्षियों के लिए भी काफी चिंतित दिखाई देते हैं और उनके इलाज का खर्च खुद उठाते हैं.

बसाया पक्षियों का संसार: गौर हो कि शहरी क्षेत्रों से पक्षियां लगातार विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं. इसी को देखते हुए हल्द्वानी के पक्षी प्रेमी गुलाब सिंह नेगी ने अपने घर और बगीचे को पक्षियों का आशियाना बनाया है. यहां उन्होंने अपने हाथों से बीमार और घायल पक्षियों के इलाज के साथ-साथ उनका बसेरा भी तैयार किया है, जिससे पक्षियों का संरक्षण किया जा सके.

गुलाब नेगी ने घर में बसाया परिंदों का संसार.

हल्द्वानी में गुलाब सिंह नेगी का मकान शहर के बीचों-बीच है. उन्होंने मकान के साथ एक छोटा सा बगीचा भी स्थापित किया है. इस बगीचे में कई प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए हैं. इन पेड़-पौधों वाले बगीचे में कई प्रजातियों की पक्षियां भी रहती हैं. परिंदों के लिए दाना-पानी की भी खुद गुलाब सिंह व्यवस्था करते हैं. यही नहीं अपने बगीचे में घायल पक्षियों को रखने के लिए उन्होंने बाड़ा भी तैयार किया है. घायल पक्षियों का डॉक्टर से इलाज कराकर खुद उनकी तीमारदारी करते हैं.

पढ़ें-अच्छी खबर: नंदादेवी नेशनल पार्क में दिखाई दिया दुर्लभ हिम तेंदुआ, खुशी से झूमे अधिकारी

पक्षियों के संरक्षण का करते हैं कार्य: उनके बगीचे में बुलबुल, मैना, चील, बाज, उल्लू, कबूतर, भूरी, कोतवाल, घुघुती, पुट पुट, बत्तख, बगुला, तोता सहित कई प्रजातियों के पक्षी हैं, जिनका वह संरक्षण कर रहे हैं. गुलाब सिंह ने बताया कि कई बार घायल अवस्था में पक्षी पाए जाते हैं, जिसके बाद लोग उनसे संपर्क करते हैं. वह घायल पक्षियों को घर लाते हैं और डॉक्टरों की सहायता से उनका इलाज करा कर अपने बाड़े में रखते हैं. जब पक्षी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है, फिर उसे छोड़ दिया जाता है. वहीं गुलाब सिंह गौरैया संरक्षण को लेकर पिछले कई सालों से काम करते आ रहे हैं और उन्होंने हजारों की संख्या में गौरैया के घोसलों का वितरण किया है.

हल्द्वानी: भागदौड़ वाली जिंदगी में जहां लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, वहीं कुछ लोग बेजुबानों की सेवा में समर्पित दिखाई देते हैं. कुछ ऐसी ही सुकून देने वाली तस्वीर हल्द्वानी से सामने आई है. यहां गुलाब सिंह नाम के शख्स ने परिंदों का संसार बसा रखा है. साथ ही वो घायल पक्षियों के लिए भी काफी चिंतित दिखाई देते हैं और उनके इलाज का खर्च खुद उठाते हैं.

बसाया पक्षियों का संसार: गौर हो कि शहरी क्षेत्रों से पक्षियां लगातार विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं. इसी को देखते हुए हल्द्वानी के पक्षी प्रेमी गुलाब सिंह नेगी ने अपने घर और बगीचे को पक्षियों का आशियाना बनाया है. यहां उन्होंने अपने हाथों से बीमार और घायल पक्षियों के इलाज के साथ-साथ उनका बसेरा भी तैयार किया है, जिससे पक्षियों का संरक्षण किया जा सके.

गुलाब नेगी ने घर में बसाया परिंदों का संसार.

हल्द्वानी में गुलाब सिंह नेगी का मकान शहर के बीचों-बीच है. उन्होंने मकान के साथ एक छोटा सा बगीचा भी स्थापित किया है. इस बगीचे में कई प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए हैं. इन पेड़-पौधों वाले बगीचे में कई प्रजातियों की पक्षियां भी रहती हैं. परिंदों के लिए दाना-पानी की भी खुद गुलाब सिंह व्यवस्था करते हैं. यही नहीं अपने बगीचे में घायल पक्षियों को रखने के लिए उन्होंने बाड़ा भी तैयार किया है. घायल पक्षियों का डॉक्टर से इलाज कराकर खुद उनकी तीमारदारी करते हैं.

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पक्षियों के संरक्षण का करते हैं कार्य: उनके बगीचे में बुलबुल, मैना, चील, बाज, उल्लू, कबूतर, भूरी, कोतवाल, घुघुती, पुट पुट, बत्तख, बगुला, तोता सहित कई प्रजातियों के पक्षी हैं, जिनका वह संरक्षण कर रहे हैं. गुलाब सिंह ने बताया कि कई बार घायल अवस्था में पक्षी पाए जाते हैं, जिसके बाद लोग उनसे संपर्क करते हैं. वह घायल पक्षियों को घर लाते हैं और डॉक्टरों की सहायता से उनका इलाज करा कर अपने बाड़े में रखते हैं. जब पक्षी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है, फिर उसे छोड़ दिया जाता है. वहीं गुलाब सिंह गौरैया संरक्षण को लेकर पिछले कई सालों से काम करते आ रहे हैं और उन्होंने हजारों की संख्या में गौरैया के घोसलों का वितरण किया है.

Last Updated : Mar 5, 2022, 11:41 AM IST
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