हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सब्जी मार्केट हल्द्वानी मंडी से जुड़े फल-सब्जी के किसानों के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार के सहयोग से मंडी समिति ने मंडी में ग्रेडिंग यूनिट लगाया है, जिससे पहाड़ी किसानों की उपज को ग्रेडिंग कर अलग-अलग कीमतों में बेचा जा सकें. साथ ही किसानों को अपनी उपज के उचित दाम मिल सकें. मंडी में ग्रेडिंग यूनिट का सफल परीक्षण हो चुका है. जल्द इसको पीपीपी मोड पर दिए जाने की कवायद चल रही है.
किसानों को मिलेगा उचित दाम: हल्द्वानी मंडी समिति के सचिव दिग्विजय सिंह देव ने बताया कि फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को अक्सर उनके उपज की ग्रेडिंग नहीं होने के चलते उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है. जिसके चलते किसानों की फसल को बिचौलिए औने-पौने दामों में खरीदते हैं. इसमें किसानों का नुकसान होता है. फल सब्जियों की ग्रेडिंग होने पर ग्रेडिंग के हिसाब से किसान को उनकी उपज का दाम मिलेगा.
लगाई गई ग्रेडिंग मशीन: दिग्विजय सिंह देव ने बताया की केंद्र सरकार के ई-नाम योजना के तहत मंडी में 82 लाख की कीमत से ग्रेडिंग मशीन लगाई गई है. जिसमें राउंड फ्रूट और लेंथ फ्रूट फल-सब्जियों की ग्रेडिंग की जाएगी. मंडी में किसानों की फल और सब्जियों की ग्रेडिंग तय होगी. जहां उनको ग्रेडिंग के हिसाब से रेट भी मिलेगा. ग्रेडिंग सिस्टम शुरू हो जाने से दोहरा फायदा होगा. जिससे एक ओर किसान को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा और दूसरी ओर लोगों को बढ़िया क्वालिटी के फल सब्जियां भी मिल सकेंगी.
उन्होंने बताया कि ग्रेडिंग यूनिट का सफल परीक्षण हो चुका है. जल्द इसको पीपीपी मोड पर दिए जाने की कवायद चल रही है. उन्होंने बताया कि मशीन में राउंड फ्रूट एक घंटे में 500 किलोग्राम जबकि लेंथ फ्रूट प्रति घंटा 1000 किलोग्राम फल सब्जियों का ग्रेडिंग हो पाएगा. उन्होंने बताया कि मंडी में ग्रेडिंग यूनिट नहीं होने के चलते किसान अपने फल सब्जियों को ग्रेडिंग के हिसाब से नहीं बेच पाते थे. ऐसे में अब किसान अपने फल सब्जियों को ग्रेडिंग करके बेच सकेंगे.