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उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर HC में सुनवाई, सरकार ने पेश की 4,540 पेज की रिपोर्ट

उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार की तरफ से 4,540 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गयी.

उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर HC में सुनवाई
उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर HC में सुनवाई
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Published : Jun 15, 2022, 5:24 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार की तरफ से 4,540 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गयी. जिसपर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इनकी रीडिंग कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से 8 सप्ताह का समय मांगा है.

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगस्त माह के अंतिम सप्ताह की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई.

ये भी पढ़ें: चालकों की 'नासमझी' से पुलिस और परिवहन विभाग हुए मालामाल, ऐसे हो रही करोड़ों की कमाई

टिहरी निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने 2013 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि टिहरी के अस्पतालों में मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं बहुत लचर परिस्थितियों में हैं. जिसको कोर्ट ने गंभीरता से लिया और सरकार को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के अस्पतालों का सर्वे करें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं और कौन कौन सी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. इसकी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को अवगत कराएं. सरकार ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सर्वे करने के बाद 4,540 पन्नों की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया.

नैनीताल: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य सरकार की तरफ से 4,540 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गयी. जिसपर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इनकी रीडिंग कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से 8 सप्ताह का समय मांगा है.

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगस्त माह के अंतिम सप्ताह की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई.

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टिहरी निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने 2013 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि टिहरी के अस्पतालों में मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं बहुत लचर परिस्थितियों में हैं. जिसको कोर्ट ने गंभीरता से लिया और सरकार को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के अस्पतालों का सर्वे करें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं और कौन कौन सी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. इसकी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को अवगत कराएं. सरकार ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सर्वे करने के बाद 4,540 पन्नों की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया.

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