हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को सात नए असिस्टेंट प्रोफेसर मिले हैं. इससे न सिर्फ सुशील तिवारी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी पूरी होगी, बल्कि कई विषयों की लटकी मान्यता का भी रास्ता साफ होगा. अभी भी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में करीब 20 प्रतिशत डॉक्टरों के पद खाली हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर चंद्रप्रकाश भैसोड़ा ने बताया कि नई नियुक्तियों के तहत देहरादून में हुए साक्षात्कार के बाद कई विभागों की डॉक्टरों की कमी दूर हुई है. प्लास्टिक सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, एनाटॉमी, सर्जरी और मेडिसिन के एक-एक असिस्टेंट प्रोफेसर व हड्डी रोग विभाग के 2 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है.
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उन्होंने बताया कि नए डॉक्टरों के आ जाने से अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दोनों को फायदा मिलेगा. अभी और डॉक्टरों की भर्ती की जानी है. नई डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद कई विषयों की मान्यता मिलेगी. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में नेशनल मेडिकल कमीशन नियमों के तहत अभी भी 20 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी के चलते इंडियन मेडिकल कमीशन ने नियम के मुताबिक कई विभागों की मान्यता पर रोक लगा दी थी.