हल्द्वानी: उत्तराखंड में एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है. धान खरीद में पूरी तरह से पारदर्शिता लाने के लिए आरएफसी अधिकारी ने सभी क्रय एजेंसियों को लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं. शासन द्वारा इस बार कुमाऊं मंडल के लिए 11 लाख 63 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. जबकि धान के समर्थन मूल्य के तौर पर किसानों को इस बार बी ग्रेड के धान के लिए 1940 रुपए, जबकि ए ग्रेड के धान की कीमत 1960 रुपए निर्धारित किए हैं. जो पिछले साल की तुलना में 60 रुपए अधिक हैं.
क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक हरवीर सिंह ने बताया कि शासन द्वारा कुमाऊं मंडल के लिए धान खरीद के लिए 11 लाख 63 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है. धान खरीद के लिए इस बार 214 धान क्रय केंद्र खोले गए हैं. जिसके माध्यम से धान की खरीद की जा रही है. धान खरीद में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जा रही है. साथ ही धान खरीद केंद्र के निजी एजेंसी को साफ निर्देशित किया गया है कि धान खरीद में किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. खरीद में लापरवाही बरतने पर उक्त एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा. इसके अलावा धान खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड टीम का गठन किया गया है.
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इसके अलावा एसडीएम को भी समय-समय पर केंद्रों का निरीक्षण की जांच करने को कहा गया है. वहीं क्रय केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है. खाद्य नियंत्रक अधिकारी ने बताया कि धान बिक्री करने वाले किसानों को भुगतान डीवीडी के माध्यम से 48 घंटे के भीतर किया जाएगा. पहली किश्त के तौर पर शासन ने 20 करोड़ का बजट भी जारी किया है. उन्होंने बताया कि धान खरीद में पिछले साल लापरवाही बरतने पर 15 निजी एजेंसियों के खिलाफ ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की गई थी. ऐसे में अगर इस बार भी धान खरीद में कोई लापरवाही की जाती है तो एजेंसियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.