ETV Bharat / state

Kalu Siddha Baba Temple: हल्द्वानी के रक्षक हैं कालू सिद्ध बाबा, यहां चढ़ता है ये विशेष प्रसाद - कालू सिद्ध बाबा की महत्ता

उत्तराखंड देवभूमि देवी देवताओं के आवास स्थल के साथ-साथ ऋषि-मुनियों की तपोस्थली भी रही है. इन्हीं सिद्ध पीठों में कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के मुख्य चौराहे पर कालू सिद्ध बाबा का मंदिर भी है. इस मंदिर में श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा
author img

By

Published : Feb 4, 2023, 6:01 AM IST

Updated : Feb 4, 2023, 6:51 AM IST

हल्द्वानी के रक्षक हैं कालू सिद्ध बाबा

हल्द्वानी: कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु शीश नवाने आते हैं. मन में मुरादें लेकर आने वाला हर श्रद्धालु यहां गुड़ की भेली लेकर पहुंचता है. मंदिर में भगवान बजरंगबली, शनि देव के अलावा मां दुर्गा, भगवान विष्णु के साथ अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं.

हल्द्वानी के रक्षक माने जाते है कालू सिद्ध बाबा: कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी शहर का रक्षक भी माना जाता है. कालू सिद्ध बाबा को कालू साईं नाम से भी जाना जाता है. मंदिर के आसपास से गुजरने वाला हर व्यक्ति कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में एक बार दर्शन करने जरूर आता है. मान्यता है कि मंदिर में श्रद्धा से गुड़ की भेली चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा है

कालू सिद्ध बाबा को चढ़ता है गुड़ का प्रसाद: कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में प्रसाद के तौर पर गुड़ की भेली चढ़ाने की वर्षों से परंपरा चली आ रही है. यही नहीं अपनी मनोकामना के लिए लोग मंदिर में घंटी के अलावा काली चुन्नी भी चढ़ाते हैं. मंदिर परिसर में आपको बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई घंटियां और चुन्नियां दिख जाएंगी.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा का मंदिर बहुत मान्यता रखता है.

200 साल पुराना बताया जाता है कालू सिद्ध बाबा का मंदिर: मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर 200 से अधिक साल पुराना है. बताया जाता है कि दशकों पहले जब कालू सिद्ध बाबा हल्द्वानी पहुंचे थे तो उन्होंने यहां पीपल के पेड़ के नीचे भगवान शनि की उपस्थिति जानकर एक मठ की स्थापना की थी, जो आगे चलकर श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में श्रद्धालु मनोकामना पूरी करने आते हैं.

कालू सिद्ध बाबा मंदिर में पूर्ण होती है मनोकामना: मंदिर के पुजारी पंडित जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से गुड़ की भेली चढ़ता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. लोगों को प्रसाद के रूप में गुड़ दिया जाता है. दरअसल पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीहरि बोले, “जो व्यक्ति मुझे प्रेमपूर्वक गुड़ एवं चने की दाल का भोग लगाएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.” तभी से सभी वैष्णव जन अपने आराध्य श्रीहरि विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाकर उनकी कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में चुन्नी चढ़ाते हैं.

मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मठपाल ने बताया कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर प्राचीन मंदिरों में जाना जाता है. मान्यता है कि 200 साल पहले कालू सिद्ध बाबा जब हिमालय की ओर आए थे तो वह हल्द्वानी के मुख्य चौराहे के पीपल के पेड़ के नीचे अपना मठ बनाकर भगवान शनि की आराधना करते थे. बाबा के पास से जो भी श्रद्धालु गुजरता था, बाबा से आशीर्वाद लेने जरूर आता था.
ये भी पढ़ें: शिव की बारात में ऐसे नाचे हनुमान कि सब कुछ भूले !, कीजिए बजरंग बली के दक्षिण मुखी दर्शन

कालू सिद्ध बाबा के प्रसाद के बारे में है ये मान्यता: बताया जाता है कि उस समय यहां पर गुड़ और गन्ने का कारोबार खूब हुआ करता था. जो भी व्यापारी यहां से गुजरता था, तो बाबा को प्रसाद के लिए गुड़ देते थे. बाबा को गुड़ काफी पसंद था. जिसके बाद से कालू सिद्ध बाबा मंदिर में गुड़ चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई. आज भी यह परंपरा चली आ रही है. यही कारण है कि कालू सिद्ध के मंदिर में रोजाना श्रद्धालुओं का भीड़ लगी रहती है. खासकर मंगल और शनिवार के दिन भारी संख्या में दूर-दूर से भी श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं.

हल्द्वानी के रक्षक हैं कालू सिद्ध बाबा

हल्द्वानी: कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु शीश नवाने आते हैं. मन में मुरादें लेकर आने वाला हर श्रद्धालु यहां गुड़ की भेली लेकर पहुंचता है. मंदिर में भगवान बजरंगबली, शनि देव के अलावा मां दुर्गा, भगवान विष्णु के साथ अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं.

हल्द्वानी के रक्षक माने जाते है कालू सिद्ध बाबा: कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी शहर का रक्षक भी माना जाता है. कालू सिद्ध बाबा को कालू साईं नाम से भी जाना जाता है. मंदिर के आसपास से गुजरने वाला हर व्यक्ति कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में एक बार दर्शन करने जरूर आता है. मान्यता है कि मंदिर में श्रद्धा से गुड़ की भेली चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा है

कालू सिद्ध बाबा को चढ़ता है गुड़ का प्रसाद: कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में प्रसाद के तौर पर गुड़ की भेली चढ़ाने की वर्षों से परंपरा चली आ रही है. यही नहीं अपनी मनोकामना के लिए लोग मंदिर में घंटी के अलावा काली चुन्नी भी चढ़ाते हैं. मंदिर परिसर में आपको बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई घंटियां और चुन्नियां दिख जाएंगी.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा का मंदिर बहुत मान्यता रखता है.

200 साल पुराना बताया जाता है कालू सिद्ध बाबा का मंदिर: मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर 200 से अधिक साल पुराना है. बताया जाता है कि दशकों पहले जब कालू सिद्ध बाबा हल्द्वानी पहुंचे थे तो उन्होंने यहां पीपल के पेड़ के नीचे भगवान शनि की उपस्थिति जानकर एक मठ की स्थापना की थी, जो आगे चलकर श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में श्रद्धालु मनोकामना पूरी करने आते हैं.

कालू सिद्ध बाबा मंदिर में पूर्ण होती है मनोकामना: मंदिर के पुजारी पंडित जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से गुड़ की भेली चढ़ता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. लोगों को प्रसाद के रूप में गुड़ दिया जाता है. दरअसल पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीहरि बोले, “जो व्यक्ति मुझे प्रेमपूर्वक गुड़ एवं चने की दाल का भोग लगाएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.” तभी से सभी वैष्णव जन अपने आराध्य श्रीहरि विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाकर उनकी कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

Kalu Siddha Baba Temple
कालू सिद्ध बाबा मंदिर में चुन्नी चढ़ाते हैं.

मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मठपाल ने बताया कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर प्राचीन मंदिरों में जाना जाता है. मान्यता है कि 200 साल पहले कालू सिद्ध बाबा जब हिमालय की ओर आए थे तो वह हल्द्वानी के मुख्य चौराहे के पीपल के पेड़ के नीचे अपना मठ बनाकर भगवान शनि की आराधना करते थे. बाबा के पास से जो भी श्रद्धालु गुजरता था, बाबा से आशीर्वाद लेने जरूर आता था.
ये भी पढ़ें: शिव की बारात में ऐसे नाचे हनुमान कि सब कुछ भूले !, कीजिए बजरंग बली के दक्षिण मुखी दर्शन

कालू सिद्ध बाबा के प्रसाद के बारे में है ये मान्यता: बताया जाता है कि उस समय यहां पर गुड़ और गन्ने का कारोबार खूब हुआ करता था. जो भी व्यापारी यहां से गुजरता था, तो बाबा को प्रसाद के लिए गुड़ देते थे. बाबा को गुड़ काफी पसंद था. जिसके बाद से कालू सिद्ध बाबा मंदिर में गुड़ चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई. आज भी यह परंपरा चली आ रही है. यही कारण है कि कालू सिद्ध के मंदिर में रोजाना श्रद्धालुओं का भीड़ लगी रहती है. खासकर मंगल और शनिवार के दिन भारी संख्या में दूर-दूर से भी श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं.

Last Updated : Feb 4, 2023, 6:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.