हल्द्वानी: सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में हचलच मच गई है. जहां कांग्रेस स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग कर रही है तो वहीं राज्य आंदोलनकारी और गैरसैंण पर रिसर्च करने वाले और गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने पर किताब लिखने वाले गणेश उपाध्याय ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इसको स्थाई राजधानी घोषित करनी चाहिए तभी उत्तराखंड का विकास हो पाएगा.
राज्य आंदोलनकारी गणेश उपाध्याय ने कहा है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने के लिए उत्तर प्रदेश के समय से ही रिसर्च कर रहे हैं. राजनीति शास्त्र में पीएचडी करने के बाद गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने को लेकर किताब भी लिखी है जो आज पूरा होता दिख रहा है. सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बजाय अगर इसको स्थाई राजधानी बना दे तो उत्तराखंड का विकास होगा बल्कि पलायन भी रुकेगा. क्योंकि चमोली की गैरसैंण उत्तराखंड के मध्य में है जो उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में ठीक बैठता है. उन्होंने कहा कि कालागढ़ को राजधानी बनाए जाने को भी लेकर रिसर्च किया था लेकिन सबसे ज्यादा उचित गैरसैंण ही साबित हुआ है.
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नैनीताल जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल का कहना है कि सरकार को स्थाई राजधानी घोषित करनी चाहिए. ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर सरकार के ऊपर और अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. यदि कांग्रेस की सरकार आएगी तो गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किया जाएगा.