हल्द्वानी: जिन्हें बीजेपी कभी अपनी पलकों पर बैठाती थी, आज उन्हें ही इंपोर्टेड माल बता रही है. हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मत्री रहे यशपाल आर्य की. यशपाल आर्य और उनके बेटे के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाते ही मंत्रियों ने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने यशपाल आर्य के कांग्रेस के शामिल होने पर कहा कि बीजेपी में आया हुआ इंपोर्टेड माल वापस चला गया है.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी गुरुवार को नैनीताल जिले के हल्द्वानी में आए हुए थे. हल्द्वानी में जब उनके यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य इंपोर्टेड माल थे, जो भाजपा में आये और वापस चले गये. उनके आने और जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कैडर बेस पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी का कोई भी विधायक कभी कांग्रेस जैसी पार्टी में नहीं जाएगा. कुछ लोगों के काले झंडे दिखाने से मंत्री होते हुए यशपाल डर गए और उन्होंने पार्टी बदल ली. ऐसे लोग इसी तरह दलबदल करते रहते हैं. इससे भारतीय जनता पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता.
मंत्री गणेश जोशी ने दावा किया है कि भाजपा पूरे प्रदेश में मजबूत है और 2022 के चुनाव में 60 से सीटें जीतेगी. मंत्री गणेश जोशी ने यशपाल आर्य से सवाल किया कि यदि उनका बीजेपी में दम घुट रहा था तो पहले क्यों नहीं चले गए? सरकार में पूरा समय बिताने के बाद आखिरी समय पर क्यों पाला बदला. 5 साल तक मलाई खाई और पांचवें साल उनके गले में अटक गया. लिहाजा उनका अब दम घुट रहा है.
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गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं, जिसका नतीजा है कि आज जनता का रुझान भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है. भाजपा से टूटकर कांग्रेस में जाने से भाजपा को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि भाजपा एक बड़ी पार्टी है.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले यशपाल आर्य ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर अपने बेटे के साथ बीजेपी का दामन थामा था. इसके बाद 2017 में यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीते. यशपाल आर्य को बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही यशपाल आर्य की नाराजगी सामने आ रही थी.
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यही कारण है कि हाल ही में उन्होंने बीजेपी को बाय-बाय करते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. दिल्ली में उन्होंने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. यशपाल आर्य को कांग्रेस में दोबारा लाने का श्रेय राजनीतिक हलकों में हरीश रावत को दिया जा रहा है.