नैनीताल: हरिद्वार के लक्सर में राशन विक्रेता द्वारा बनाए गये फर्जी राशन कार्ड के मामले में आज डीएम हरिद्वार दीपेंद्र चौधरी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की. जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया कि राशन विक्रेताओं ने गड़बड़ी की है जिसको देखते हुए उनपर कार्रवाई की गई और चार दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है.
वहीं, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चारों राशन विक्रेताओं को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि लक्सर निवासी रेनू ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार समेत लक्सर और उसके आसपास के क्षेत्रों में सस्ते गल्ले के राशन विक्रेता फर्जी राशन कार्ड बनाकर गरीब लोगों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं. इन राशन विक्रेताओं के द्वारा एपीएल और बीपीएल कार्डों की जानकारी भी नहीं रखी गई है और गरीब लोगों को दिए जाने वाले राशन तो गरीबों को न देकर अन्य लोगों को बेचा जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि सरकार करीब 35 किलो राशन गरीब लोगों को देती है लेकिन राशन विक्रेता उपभोक्ताओं केवल 6 किलो राशन ही दे रहा है और बाकी राशन बाजार में औने-पौने दाम पर बेच रहा है. जब याचिकाकर्ता द्वारा आरटीआई से सूचना मांगी गई तो राशन विक्रेता ने यह कहते हुए जानकारी नहीं दी कि उनकी रिकॉर्ड बुक खो गई है. जिसके बाद याचिकाकर्ता रेनू ने मामले की जांच के लिए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली.