हल्द्वानी: देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा के निर्माण की चर्चा शुरू होते ही उत्तराखंड की राजनीति गरमाने लगी है. कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को त्रिवेंद्र सरकार को घेरने का मन बना चुकी है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस प्रोजेक्ट का विरोध किया है. उन्होंने सरकार को आंदोलन तक की चेतावनी दी है.
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने रायपुर में नए विधानसभा भवन को लेकर अधिकारियों की बैठक की थी, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि जब सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया तो तमाम विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की सराहना की थी, लेकिन कुछ महीनों के बाद ही अब सरकार ने ये नया मुद्दा उठा दिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि जिस प्रदेश के लिए यहां की जनता ने आंदोलन किया था उससे बीजेपी सरकार मुंह मोड़ रही है.
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कुंजवाल ने कहा कि प्रदेश में विकास के काम ठप्प हैं. सरकार कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है. ऐसे में इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए पैसे कहां से और कैसे आएगा?
कुंजवाल ने कहा कि 2012 में तत्कालीन बहुगुणा सरकार में इस जमीन को वन विभाग से लिया गया था. बीजेपी सरकार का इसमें कोई योगदान नहीं है. यदि देहरादून में एक और विधानसभा भवन बनता है तो यह प्रदेश की जनता से बहुत बड़ा धोखा होगा. पहले सरकार प्रदेश की जनता को यह बताए कि उत्तराखंड की स्थायी राजधानी कहां है?