हल्द्वानी: वन अनुसंधान केंद्र अपने कई उपलब्धियों के लिए हमेशा से जाना जाता रहा है. कई विलुप्त हो चुकी दुर्लभ वनस्पतियों के अलावा दुर्लभ जड़ी बूटियों के संरक्षण का काम भी किया जा रहा है. हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क है. ऐसे में वन अनुसंधान केंद्र ने प्रदेश में पहला अभिनव प्रयोग करते हुए अनुसंधान केंद्र के भवन को प्राकृतिक रंगों से रंगा कर जंगलों, वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन का संदेश देने का काम कर रहा है. जिससे कि अनुसंधान केंद्र में भ्रमण करने वाले लोग और छात्र जैव विविधता को लेकर जागरूक हो सकें.
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उन्होंने बताया कि प्राकृतिक रंगों के माध्यम से अनुसंधान केंद्र को जंगल का रूप दिया गया है. जिसमें स्थानीय कलाकारों की टीम काम कर रही है. टीम के 15 सदस्यों द्वारा बेहतरीन कलाकारी को प्रदर्शित करने का मौका भी मिला है. कला आर्ट स्टूडियो के लीडर संदीप पंवार ने बताया कि अनुसंधान केंद्र के दीवार पर लगाए गए प्राकृतिक रंग काफी टिकाऊ हैं और 10 से 15 साल तक इसी तरह से रंग निखरते रहेंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयोग से जहां स्थानीय कलाकारों को मौका मिल रहा है तो वहीं सरकार को भी चाहिए कि अपनी सरकारी भवनों को इसी तरह से प्राकृतिक रंग में रंगा जाए. जिससे लोगों को पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूक किया जा सकें.