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कॉर्बेट में वन विभाग ने शुरू किया जलभराव को भरने का काम

खबर के दिखाये जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. वन विभाग ने कॉर्बेट कार्यालय के पास हुए जलभराव को भराने का कार्य शुरू कर दिया है.

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खबर का असर
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Published : Jan 11, 2021, 7:34 PM IST

रामनगर: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. अब वन विभाग ने कॉर्बेट कार्यालय के पास हुए जलभराव को भराने का कार्य शुरू कर दिया है. क्षेत्र के सभी लोगों ने इस काम के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा है.

ईटीवी भारत ने 9 जनवरी को दिखाया था कि विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के मुख्य कार्यालय के प्रवेश द्वार पर ही पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कॉर्बेट कार्यालय के अलावा वन प्रभाग रामनगर, वन प्रभाग तराई पश्चिमी, इन अधिकारियों के कार्यालयों के साथ ही आवास भी इस वन परिसर के अंदर हैं. इसके बावजूद भी किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा. बारिश के दौरान यह स्थिति और विकराल हो जाती है.

पढ़ें: डीएनए टेस्ट के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए महेश नेगी, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला

लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी हो जाती है. ज्यादा बारिश होने पर लोग पैदल आर पार नहीं जा पाते. पानी का जलभराव कम होने के बाद ही लोग इस जगह से पार होते हैं. जलभराव की निकासी की व्यवस्था की ओर किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया. ईटीवी भारत ने बताया था कि वन परिसर के प्रवेश द्वार से सभी वन विभाग के अधिकारीयों के वाहन गुजरते हैं, लेकिन अधिकारियों की नजर इस बरसाती पानी से बने नाले नहीं पड़ती. बरसात से इकठ्ठा हुए जलभराव से बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ता है.

ये भी पढ़ें: कोरोना तय करेगा महाकुंभ-2021 का स्वरूप, जानिए क्यों?

वहीं, खबर दिखाये जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. वन विभाग ने कॉर्बेट कार्यालय के पास हुए जलभराव को भराने का कार्य शुरू कर दिया है.

रामनगर: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. अब वन विभाग ने कॉर्बेट कार्यालय के पास हुए जलभराव को भराने का कार्य शुरू कर दिया है. क्षेत्र के सभी लोगों ने इस काम के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद कहा है.

ईटीवी भारत ने 9 जनवरी को दिखाया था कि विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के मुख्य कार्यालय के प्रवेश द्वार पर ही पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कॉर्बेट कार्यालय के अलावा वन प्रभाग रामनगर, वन प्रभाग तराई पश्चिमी, इन अधिकारियों के कार्यालयों के साथ ही आवास भी इस वन परिसर के अंदर हैं. इसके बावजूद भी किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा. बारिश के दौरान यह स्थिति और विकराल हो जाती है.

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लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी हो जाती है. ज्यादा बारिश होने पर लोग पैदल आर पार नहीं जा पाते. पानी का जलभराव कम होने के बाद ही लोग इस जगह से पार होते हैं. जलभराव की निकासी की व्यवस्था की ओर किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया. ईटीवी भारत ने बताया था कि वन परिसर के प्रवेश द्वार से सभी वन विभाग के अधिकारीयों के वाहन गुजरते हैं, लेकिन अधिकारियों की नजर इस बरसाती पानी से बने नाले नहीं पड़ती. बरसात से इकठ्ठा हुए जलभराव से बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ता है.

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वहीं, खबर दिखाये जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. वन विभाग ने कॉर्बेट कार्यालय के पास हुए जलभराव को भराने का कार्य शुरू कर दिया है.

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