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रामनगर: सीतावनी जोन से वन विभाग को इस साल मिला 1.48 करोड़ का राजस्व

रामनगर वन प्रभाग के सीतावनी जोन में इस साल बड़ी तादाद में पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे वन विभाग को अच्छी आमदनी हुई है. सीतावनी जोन के गेट 30 जून को बंद कर दिए जाते हैं और 15 अक्टूबर को खोल दिए जाते हैं.

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सीतावनी जोन
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Published : Jul 3, 2022, 5:12 PM IST

रामनगर: वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत पड़ने वाले सीतावनी जोन से विभाग को इस बार अच्छी आमदनी हुई है. वन विभाग को इस बार सीतावनी जोन 1 करोड़ 48 लाख रुपये एवं कॉर्बेट फॉल व बाराती रौ झरना से 50 लाख 84 हजार की आमदनी हुई है. डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के मुताबकि इस बार सितावनी जोन भी पर्यटकों की पसंद में शुमार रहा है.

बता दें, सीतावनी जोन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा नहीं है. यह एकमात्र ऐसी जगह है जहां अनेकों पक्षियों को आसानी से देखा जा सकता है. सीतावनी जोन का उल्लेख हिंदू महाकाव्य रामायण में किया गया है. कहते हैं कि भगवान राम की पत्नी देवी सीता ने वनवास का कुछ समय सीतावनी में बिताया था.

जानकारी देते डीएफओ.
पढ़ें- देहरादून: लगातार बारिश से नदियों में उफान का खतरा, लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी

सीतावनी जोन एकमात्र ऐसी जगह है, जहां वाहनों की कोई सीमा नहीं है. पर्यटन के लिए यह जोन 15 अक्टूबर से 30 जून तक खुला रहता है. बरसात के मौसम में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए इस जोन में 30 जून को बंद कर दिया जाता है. क्योंकि इस जोन के रास्ते में नदी पड़ती है. इसलिए बारिश में रास्ता बंद हो जाता है. उसके बाद 15 अक्टूबर से सीतावनी जोन, कॉर्बेट फॉल और बराती रौ झरना खोल दिया जाता है.

रामनगर: वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत पड़ने वाले सीतावनी जोन से विभाग को इस बार अच्छी आमदनी हुई है. वन विभाग को इस बार सीतावनी जोन 1 करोड़ 48 लाख रुपये एवं कॉर्बेट फॉल व बाराती रौ झरना से 50 लाख 84 हजार की आमदनी हुई है. डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के मुताबकि इस बार सितावनी जोन भी पर्यटकों की पसंद में शुमार रहा है.

बता दें, सीतावनी जोन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा नहीं है. यह एकमात्र ऐसी जगह है जहां अनेकों पक्षियों को आसानी से देखा जा सकता है. सीतावनी जोन का उल्लेख हिंदू महाकाव्य रामायण में किया गया है. कहते हैं कि भगवान राम की पत्नी देवी सीता ने वनवास का कुछ समय सीतावनी में बिताया था.

जानकारी देते डीएफओ.
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सीतावनी जोन एकमात्र ऐसी जगह है, जहां वाहनों की कोई सीमा नहीं है. पर्यटन के लिए यह जोन 15 अक्टूबर से 30 जून तक खुला रहता है. बरसात के मौसम में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए इस जोन में 30 जून को बंद कर दिया जाता है. क्योंकि इस जोन के रास्ते में नदी पड़ती है. इसलिए बारिश में रास्ता बंद हो जाता है. उसके बाद 15 अक्टूबर से सीतावनी जोन, कॉर्बेट फॉल और बराती रौ झरना खोल दिया जाता है.

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