रामनगरः आज साल 2022 का आखिरी दिन है. कल से नए साल का आगाज हो जाएगा. ऐसे में थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर को सेलिब्रेट करने के लिए पर्यटक विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही जंगलों में वन्यजीवों के शिकार की भी संभावना बढ़ गई है. जिसे देखते हुए वन विभाग ने उत्तर प्रदेश और नेपाल से सटे इलाकों में गश्त बढ़ा दी है. वहीं, कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने रिजॉर्ट्स स्वामियों और पर्यटकों को तेज साउंड में म्यूजिक न बजाने की अपील की है.
दरअसल, पर्यटक नए साल को खास बनाने के लिए कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) का रुख कर रहे हैं. यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य के साथ कुलांचे भरते हिरनों के झुंड, बाघों की दहाड़, हाथियों की चिंघाड़ जैसे मनोहारी दृश्यों का आनंद ले सकते हैं. यही वजह है कि कॉर्बेट पार्क और आसपास के होटल एवं रिजॉर्ट्स फुल हो चुके हैं. वन विभाग और पार्क प्रशासन ने भी सभी रिजॉर्ट्स स्वामियों को 50 डेसीबल साउंड तक ही म्यूजिक बजाने के निर्देश दिए हैं. जिससे वन्यजीवों को भी साउंड से कोई दखल न हो.
रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) की एसडीओ पूनम कैंथोला ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्रों में काफी संख्या में होटल और रिजॉर्ट्स हैं. लिहाजा, सभी संचालकों को ध्वनि प्रदूषण न करने को कहा गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर कोई आरक्षित वन क्षेत्रों से सटे रिजॉर्ट से पर्यटक रात के समय बाहर निकलेगा, उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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एसडीओ कैंथोला (Ramnagar SDO Poonam Kainthola) ने कहा कि नेशनल हाईवे 309 पर धनगढ़ी से मोहान, गर्जिया तक का क्षेत्र बाघ की चहलकदमी से अति संवेदनशील है. ऐसे में इस क्षेत्र में कोई भी दोपहिया वाहन या पैदल व्यक्ति न जाएं. वन विभाग की ओर से भी शाम ढलते ही इस क्षेत्र में दोपहिया वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. फिलहाल, बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है.
वन विभाग ने नेपाल और यूपी के बॉर्डर पर गश्त बढ़ाईः थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर के मौके पर जंगलों में वन्यजीवों के शिकार की संभावना भी बढ़ गई है. इसको देखते हुए वन विभाग ने उत्तर प्रदेश और नेपाल बॉर्डर पर गश्त बढ़ा दी है. तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि थर्टी फर्स्ट के मौके पर वन्यजीवों के शिकार की संभावना (Forest department alert for wildlife Hunting) बनी रहती है. इसके मद्देनजर सभी वन कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जंगलों के आसपास चौकसी बढ़ाई जाए. साथ ही जंगल में प्रवेश करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखी जाए.
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नेपाल सीमा और उत्तर प्रदेश सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार की संभावना बनी रहती है. इसके मद्देनजर नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी और आईटीबीपी के साथ गश्त बढ़ाई गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश से सटे पीलीभीत और खटीमा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश वन विभाग कर्मियों के साथ उत्तराखंड के वनकर्मी संयुक्त रूप से अभियान चलाकर जंगलों में प्रवेश करने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति जंगल में प्रवेश न करें नहीं तो उनके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.