ETV Bharat / state

दो करोड़पति हाथी जिनके पास अब नहीं है कोई 'साथी', 5 करोड़ की जमीन के हैं मालिक लेकिन दाने-दाने को मोहताज

कॉर्बेट पार्क में दो हाथियों की देखभाल करने वाले इमाम की हत्या होने के बाद से इन बेजुबानों पर संकट मंडराने लगा है. इन दिनों दोनों हाथी चारे के लिए मोहताज हो रखे हैं. इन हाथियों के लिए चारा और पानी जुटा पाना ऐरावत संस्था के लिए मुश्किल हो गया है.

Fodder crisis deepens in front of two elephants
कॉर्बेट के दो हाथी हुए अनाथ
author img

By

Published : Apr 8, 2022, 3:29 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 5:31 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट के सावल्दे में दो हाथी मोती और रानी इन दिनों अनाथ हो गए हैं, क्योंकि इन हाथियों की देखभाल करने वाले शख्स इमाम की हत्या हो गई है. इन हाथियों की हालत ऐसी हो गयी है कि अब ये चारे के लिए भी मोहताज हो रहे हैं. ऐसे में इन हाथियों के लिए चारा और पानी जुटा पाना इमाम अख्तर की ऐरावत संस्था के लिए मुश्किल हो गया है. इन हाथियों को अब मदद की दरकार है.

बता दें कि, बिहार निवासी और इन हाथियों के मालिक इमाम अख्तर ने बिहार में अपनी संपत्ति में से 5 करोड़ की संपत्ति इन दोनों हाथियों को दान कर थी, जो इमाम के परिवार वालों को अच्छी नहीं लगी, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई. इमाम अख्तर के दुनिया से चले जाने के बाद उनकी कस्टडी में पल रहे ये दोनों हाथी अनाथ हो गए हैं. इन हाथियों के लिए संस्था अब न तो चारे की व्यवस्था कर पा रही है, और न ही पानी की.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में जहां दिखे भ्रष्टाचार तुरंत करें शिकायत, CM धामी ने लॉन्च किया एप- 1064

संस्था के कार्यवाहक चेयरमैन इमरान खान कहते हैं कि एक हाथी को पालने में करीब 50 हजार रुपये महीने का खर्च आता है. ऐसे में एक महीने में लाख रुपये जुटा पाना असंभव हो गया है. ऐसे में अब हाथियों के लिए चारे की समस्या भी मुंह बाये खड़ी है. एक हाथी के साथ एक महावत और एक चारा कटर होता है, उनकी सैलरी भी नहीं दी जा रही है. अब हाथी और हाथी के सहयोगी दोनों के लिए खाने का संकट पैदा हो गया है, इसलिए संस्था अब लोगों से मदद की अपील कर रही है.

crorepati elephant
ऐरावत संस्था के मालिक इमाम अख्तर (फाइल फोटो).

दरअसल, इमाम अख्तर ने साल 2018 में तब उत्तराखंड के निजी हाथियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ा था जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद रामनगर (कॉर्बेट) के आसपास के हाथियों को रामनगर वन प्रभाग को सुपुर्द कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उस समय इन हाथियों को रिलीज करवाया गया था. तब उनमें से एक हाथी बुलकार सिंह का भी था. चूंकि बुलकार सिंह कनाडा शिफ्ट हो गए, तो उनके हाथी को अख्तर की ऐरावत संस्था के हवाले किया गया. जबकि दूसरे हाथी को इमाम अख्तर अपने साथ बिहार से यहां लेकर आये थे.

इमाम अख्तर ने यहां लीज पर जमीन लेकर इन हाथियों के लिए कैम्प बनाकर इनकी देखभाल शुरू की. हाथियों के साथ जिंदगी गुजारने वाले इमाम अख्तर की जान भी हाथियों से प्यार के चलते ही गई. अब इन हाथियों को मदद की दरकार है.

रामनगर: कॉर्बेट के सावल्दे में दो हाथी मोती और रानी इन दिनों अनाथ हो गए हैं, क्योंकि इन हाथियों की देखभाल करने वाले शख्स इमाम की हत्या हो गई है. इन हाथियों की हालत ऐसी हो गयी है कि अब ये चारे के लिए भी मोहताज हो रहे हैं. ऐसे में इन हाथियों के लिए चारा और पानी जुटा पाना इमाम अख्तर की ऐरावत संस्था के लिए मुश्किल हो गया है. इन हाथियों को अब मदद की दरकार है.

बता दें कि, बिहार निवासी और इन हाथियों के मालिक इमाम अख्तर ने बिहार में अपनी संपत्ति में से 5 करोड़ की संपत्ति इन दोनों हाथियों को दान कर थी, जो इमाम के परिवार वालों को अच्छी नहीं लगी, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई. इमाम अख्तर के दुनिया से चले जाने के बाद उनकी कस्टडी में पल रहे ये दोनों हाथी अनाथ हो गए हैं. इन हाथियों के लिए संस्था अब न तो चारे की व्यवस्था कर पा रही है, और न ही पानी की.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में जहां दिखे भ्रष्टाचार तुरंत करें शिकायत, CM धामी ने लॉन्च किया एप- 1064

संस्था के कार्यवाहक चेयरमैन इमरान खान कहते हैं कि एक हाथी को पालने में करीब 50 हजार रुपये महीने का खर्च आता है. ऐसे में एक महीने में लाख रुपये जुटा पाना असंभव हो गया है. ऐसे में अब हाथियों के लिए चारे की समस्या भी मुंह बाये खड़ी है. एक हाथी के साथ एक महावत और एक चारा कटर होता है, उनकी सैलरी भी नहीं दी जा रही है. अब हाथी और हाथी के सहयोगी दोनों के लिए खाने का संकट पैदा हो गया है, इसलिए संस्था अब लोगों से मदद की अपील कर रही है.

crorepati elephant
ऐरावत संस्था के मालिक इमाम अख्तर (फाइल फोटो).

दरअसल, इमाम अख्तर ने साल 2018 में तब उत्तराखंड के निजी हाथियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ा था जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद रामनगर (कॉर्बेट) के आसपास के हाथियों को रामनगर वन प्रभाग को सुपुर्द कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उस समय इन हाथियों को रिलीज करवाया गया था. तब उनमें से एक हाथी बुलकार सिंह का भी था. चूंकि बुलकार सिंह कनाडा शिफ्ट हो गए, तो उनके हाथी को अख्तर की ऐरावत संस्था के हवाले किया गया. जबकि दूसरे हाथी को इमाम अख्तर अपने साथ बिहार से यहां लेकर आये थे.

इमाम अख्तर ने यहां लीज पर जमीन लेकर इन हाथियों के लिए कैम्प बनाकर इनकी देखभाल शुरू की. हाथियों के साथ जिंदगी गुजारने वाले इमाम अख्तर की जान भी हाथियों से प्यार के चलते ही गई. अब इन हाथियों को मदद की दरकार है.

Last Updated : Apr 8, 2022, 5:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.