हल्द्वानी: 20 अप्रैल को विश्व में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. वहीं 20 अप्रैल सुबह 7.40 मिनट से लेकर दोपहर 12.29 मिनट तक सूर्य ग्रहण लगेगा. जबकि इस बार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. जिससे भारत में इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा.
सूतक काल में कोई भी धार्मिक, मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं. क्योंकि सूतक काल को अशुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. जिसके चलते सूतक काल भारत में नहीं लगेगा. लेकिन इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण पश्चिमी देशों के लिए हानिकारक हो सकता है.
सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया में देखा जा सकेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है. जिसका तमाम राशियों पर असर भी पड़ता है. लेकिन विज्ञान इसे एक खगोलीय घटना मानता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक सूर्य ग्रहण पर प्रभाव और कुल प्रभाव देखने को मिलता है.
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इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में अदृश्य होने के चलते इसका भारत में कोई भी कुप्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन पश्चिमी देशों के लिए हानिकारक हो सकता है. पश्चिमी देशों में जहां-जहां सूर्यग्रहण देखा जाएगा, वहां पर इसका कुप्रभाव भी देखा जा सकता है. कई प्रकार की बाधा उत्पन्न हो सकती है, रोगों में वृद्धि हो सकती है राजनीतिक उथल-पुथल के साथ-साथ सूर्य ग्रहण कई देशों में युद्ध और तनाव की स्थिति ला सकता है. ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए ईश्वरी आराधना करें, वैशाख माह भगवान विष्णु का महीना कहा जाता है. ऐसे में भगवान विष्णु की आराधना करें. इस दिन सूर्य ग्रहण के साथ-साथ अमावस्या भी पड़ रही है. जिस कारण इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन गंगा स्नान, दान, पूर्ण करने का विशेष महत्व रहेगा.