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कॉर्बेट के रिंगोड़ा क्षेत्र में बनेगा पहला इको ब्रिज, हाथी और अन्य वन्यजीवों को मिलेगी सहूलियत

रामनगर वन प्रभाग में पड़ने वाले NH-121 पर कॉर्बेट के हाथी मूवमेंट एरिया में पहला इको ब्रिज बनने जा रहा है. ब्रिज के जरिए हाथी व अन्य वन्यजीव आसानी से रोड पार कर सकेंगे. ब्रिज की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर की होगी.

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रामनगर
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Published : Oct 13, 2021, 3:50 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 9:15 PM IST

रामनगरः नैनीताल का रामनगर वन प्रभाग नेशनल हाईवे-121 के कॉर्बेट क्षेत्र के हाथियों वाले मूवमेंट एरिया में पहला इको ब्रिज बनने जा रहा है. इससे हाथी एवं अन्य वन्यजीव आसानी से रोड क्रॉस कर सकेंगे. इको ब्रिज की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होगी.

रामनगर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले NH-121 के रिंगोड़ा क्षेत्र में लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से इको ब्रिज बनने जा रहा है, जिससे कॉर्बेट क्षेत्र से वन प्रभाग रेंज की कोसी नदी में जाने वाले हाथियों को आसानी होगी. यह ब्रिज रामनगर डिवीजन और कॉर्बेट डिवीजन को जोड़ेगा. ब्रिज की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर की होगी.

कॉर्बेट के रिंगोड़ा क्षेत्र में बनेगा पहला इको ब्रिज,

वन प्रभाग डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि कॉर्बेट और वन प्रभाग रामनगर क्षेत्र के रिंगोड़ा के पास लगातार हाथियों का मूवमेंट बना रहता है, जिससे हाथियों के साथ अन्य वन्यजीवों को रोड क्रॉस करने में दिक्कत होती है और इससे मानव व वन्यजीव को भी घटना का डर सताता रहता है. इसके मद्देनजर वन प्रभाग रामनगर ने कॉर्बेट क्षेत्र के पहले इको ब्रिज के लिए प्रस्ताव भेज दिया है, जिसकी मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट पार्क के जांबाज सुरक्षाकर्मी, हर माह 50 हजार KM करते हैं पैदल गश्त

वन प्रभाग डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि यह इको ब्रिज आरसीसी का बनेगा. पेड़-पौधों से ब्रिज को छुपा दिया जाएगा, जिससे हाथियों को एक आम रास्ते की तरह ही नजर आए. इस ब्रिज से हाथी व अन्य वन्यजीव रोड आसानी से क्रॉस कर सकेंगे और इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की भी कमी आएगी.

रामनगरः नैनीताल का रामनगर वन प्रभाग नेशनल हाईवे-121 के कॉर्बेट क्षेत्र के हाथियों वाले मूवमेंट एरिया में पहला इको ब्रिज बनने जा रहा है. इससे हाथी एवं अन्य वन्यजीव आसानी से रोड क्रॉस कर सकेंगे. इको ब्रिज की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होगी.

रामनगर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले NH-121 के रिंगोड़ा क्षेत्र में लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से इको ब्रिज बनने जा रहा है, जिससे कॉर्बेट क्षेत्र से वन प्रभाग रेंज की कोसी नदी में जाने वाले हाथियों को आसानी होगी. यह ब्रिज रामनगर डिवीजन और कॉर्बेट डिवीजन को जोड़ेगा. ब्रिज की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर की होगी.

कॉर्बेट के रिंगोड़ा क्षेत्र में बनेगा पहला इको ब्रिज,

वन प्रभाग डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि कॉर्बेट और वन प्रभाग रामनगर क्षेत्र के रिंगोड़ा के पास लगातार हाथियों का मूवमेंट बना रहता है, जिससे हाथियों के साथ अन्य वन्यजीवों को रोड क्रॉस करने में दिक्कत होती है और इससे मानव व वन्यजीव को भी घटना का डर सताता रहता है. इसके मद्देनजर वन प्रभाग रामनगर ने कॉर्बेट क्षेत्र के पहले इको ब्रिज के लिए प्रस्ताव भेज दिया है, जिसकी मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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वन प्रभाग डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि यह इको ब्रिज आरसीसी का बनेगा. पेड़-पौधों से ब्रिज को छुपा दिया जाएगा, जिससे हाथियों को एक आम रास्ते की तरह ही नजर आए. इस ब्रिज से हाथी व अन्य वन्यजीव रोड आसानी से क्रॉस कर सकेंगे और इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की भी कमी आएगी.

Last Updated : Oct 13, 2021, 9:15 PM IST
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