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फिर सामने आई लापरवाही! रामनगर सरकारी अस्पताल में नवजात की मौत, परिजनों का हंगामा

उम्मीद थी कि रामनगर के सरकारी अस्पताल की हालत पीपीपी मोड पर संचालित होने के बाद सुधरेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अस्पताल में एक बार फिर से एक नवजात की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि गर्भवती महिला का छोटा सा ऑपरेशन के नाम पर एक कट लगाया गया, जिससे शिशु के सिर पर गंभीर घाव हो गए और उसकी मौत हो गई. अब परिजनों ने कार्रवाई की मांग की है.

newborn baby died in ramnagar
नवजात की मौत पर हंगामा
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Published : Jul 5, 2022, 9:38 AM IST

Updated : Jul 5, 2022, 10:42 AM IST

रामनगरः उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. सरकार का दावा था कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन ऐसा होता बिल्कुल नहीं दिख रहा है. रामनगर का सरकारी अस्पताल भी पीपीपी मोड में संचालित हो रहा है. जहां बीते दिन फिर से एक मासूम की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. साथ ही नारेबाजी कर कार्रवाई की मांग की है.

बता दें कि रामनगर का राम दत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चाओं में रहता है. पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार पटरी से उतरती जा रही है, लेकिन सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह खामोश हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल में जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. बीते रोज भी रामनगर के मोहल्ला खताड़ी क्षेत्र के लोगों ने अस्पताल के बाहर नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा.

ये भी पढ़ेंः तड़प रही थी गर्भवती, बाहर निकल आया था नवजात का पैर, डॉक्टर के इनकार पर फार्मासिस्ट बनी देवदूत

दरअसल, बीती 30 जून को मोहल्ला खताड़ी निवासी गर्भवती महिला इकरा को परिजन डिलीवरी कराने के लिए रामनगर सरकारी अस्पताल लाए थे. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया था, लेकिन शाम को अचानक महिला की हालत खराब होने लगी. आरोप है कि अस्पताल में तैनात नर्सों ने गर्भवती महिला का छोटा ऑपरेशन के नाम पर एक कट भी लगाया, जिसके बाद शिशु के सिर पर गंभीर घाव हो गए. जिससे उसकी मौत हो गई.

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांगः परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया. फिलहाल, महिला का उपचार काशीपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है. जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. अब परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए रामनगर कोतवाली पुलिस में तहरीर सौंपने की बात कही है. साथ ही दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः आजादी के 7 दशक बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची सड़क, आज भी यहां कंधों पर ढोए जाते हैं मरीज

रामनगर सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांगः वहीं, स्थानीय लोगों ने सरकार से इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाकर सरकारी तंत्र पर चलाने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले भी डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगते आए हैं. इतना ही नहीं कई मासूमों की इस अस्पताल में मौत भी हो चुकी है. जिससे अस्पताल पीपीपी मोड में संचालित होने के बाद सवालों के घेरे में है.

रामनगरः उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. सरकार का दावा था कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन ऐसा होता बिल्कुल नहीं दिख रहा है. रामनगर का सरकारी अस्पताल भी पीपीपी मोड में संचालित हो रहा है. जहां बीते दिन फिर से एक मासूम की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. साथ ही नारेबाजी कर कार्रवाई की मांग की है.

बता दें कि रामनगर का राम दत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चाओं में रहता है. पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार पटरी से उतरती जा रही है, लेकिन सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह खामोश हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल में जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. बीते रोज भी रामनगर के मोहल्ला खताड़ी क्षेत्र के लोगों ने अस्पताल के बाहर नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा.

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दरअसल, बीती 30 जून को मोहल्ला खताड़ी निवासी गर्भवती महिला इकरा को परिजन डिलीवरी कराने के लिए रामनगर सरकारी अस्पताल लाए थे. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया था, लेकिन शाम को अचानक महिला की हालत खराब होने लगी. आरोप है कि अस्पताल में तैनात नर्सों ने गर्भवती महिला का छोटा ऑपरेशन के नाम पर एक कट भी लगाया, जिसके बाद शिशु के सिर पर गंभीर घाव हो गए. जिससे उसकी मौत हो गई.

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांगः परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया. फिलहाल, महिला का उपचार काशीपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है. जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. अब परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए रामनगर कोतवाली पुलिस में तहरीर सौंपने की बात कही है. साथ ही दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः आजादी के 7 दशक बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची सड़क, आज भी यहां कंधों पर ढोए जाते हैं मरीज

रामनगर सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांगः वहीं, स्थानीय लोगों ने सरकार से इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाकर सरकारी तंत्र पर चलाने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले भी डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगते आए हैं. इतना ही नहीं कई मासूमों की इस अस्पताल में मौत भी हो चुकी है. जिससे अस्पताल पीपीपी मोड में संचालित होने के बाद सवालों के घेरे में है.

Last Updated : Jul 5, 2022, 10:42 AM IST
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