हल्द्वानी: नेत्रदान जागरूकता के लिए हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है. इसमें आमजन को नेत्रदान के महत्व से अवगत कराकर नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाता है. इस साल कोरोना संकट के चलते जन जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है लेकिन, अगर कोई व्यक्ति नेत्रदान करना चाहता है तो कर सकता है. हालांकि, अस्पताल में कोरोना संक्रमण की वजह से अभी तक किसी मृतक का कॉर्निया ट्रांसप्लांट नहीं किया गया है. सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना का काम चल रहा है.
सुशीला तिवारी अस्पताल के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष जीएस तीतियाल ने बताया कि कोरोना काल में कोई नेत्रदान ट्रांसप्लांट करता है तो इस दौरान उसके घर जाकर किसी मृतक का नेत्र लेने पर रोक लगाई गई है. नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (एनपीसीबी) की नई गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में किसी की मौत होती है और वह कोरोना निगेटिव है तब ही उसका कॉर्निया लिया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई अपना नेत्रदान करना चाहता है तो उसके लिए व्यवस्था की जा सकती है. सुशीला तिवारी अस्पताल में फिलहाल कॉर्निया ट्रांसप्लांट की व्यवस्था नहीं है लेकिन, मुरादाबाद स्थित सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट और दिल्ली की वेणु आई इंस्टीट्यूट के माध्यम से यहां के लोगों के लिए नेत्रदान करने की व्यवस्था की गई है. मृतक का परिवार नेत्रदान के लिए इच्छुक होता है तो मृत्यु के 6 घंटे के अंदर उसके कॉर्निया को निकाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना का काम चल रहा है.