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गार्जिया मंदिर पहुंचे जीबी पंत विवि के विशेषज्ञ, टीले में आई दरारों का किया निरीक्षण - experts of GB Pant University

रामनगर स्थित गार्जिया मंदिर के टीले में दरार आ गई हैं. दरारों का निरीक्षण करने जीबी पंत विवि के विशेषज्ञों पहुंचे.

experts of GB Pant University inspected the cracks in the mound of the Garjiya temple
गार्जिया मंदिर पहुंचे जीबी पंत विवि के विशेषज्ञ
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Published : Sep 28, 2022, 1:40 PM IST

रामनगर: पंतनगर विश्वविद्यालय के स्ट्रक्चर इंजीनियर प्रोफेसर कटारिया गर्जिया मंदिर पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने गार्जिया मंदिर के टीले में आई दरार का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने पूरे गर्जिया मंदिर का भी सर्वे किया. जिसके बाद उन्होंने कहा जल्द ही वे इसकी रिपोर्ट सिंचाई विभाग को सौपेंगे.

बता दें आस्था का केंद्र गर्जिया माता मंदिर खतरे की जद में है. गर्जिया मंदिर के टीले में दरार आई है. मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए पिछले डेढ़ साल से कवायद चल रही है. लेकिन मंदिर की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है. इस बार फिर से हो रही बरसात में मंदिर को खतरा बना हुआ है. ऐसे में सिंचाई विभाग ने इसको लेकर प्रोजेक्ट बनाया था, जो 4 करोड़ 54 लाख का था. जिसको लेकर देहरादून में हुई बैठक में टीएसी (राज्य तकनीकी सलाहकार समिति) ने निरस्त कर दिया. टीएसी का कहना था कि गार्जिया मंदिर के ऊपर से नीचे तक का एक प्रोजेक्ट बनाया जायं, क्योंकि मंदिर के टीले के साथ ही ऊपरी भाग में भी कुछ दरारें आ रही हैं.
पढें- खुदाई के दौरान अंडर ग्राउंड विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त, ठेकेदार के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

बता दें गर्जिया मंदिर का टीला एक नाजुक प्वाइंट पर पहुंच चुका है. 2021 अक्टूबर माह में आई बाढ़ की वजह से टीले में काफी दरार आई है. 2021 अक्टूबर में आई बाढ़ की वजह से जो ब्लॉक पूरी तरह डैमेज हो गये थे, वर्तमान में इसके लिए एक योजना बनाई गई है.

रामनगर: पंतनगर विश्वविद्यालय के स्ट्रक्चर इंजीनियर प्रोफेसर कटारिया गर्जिया मंदिर पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने गार्जिया मंदिर के टीले में आई दरार का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने पूरे गर्जिया मंदिर का भी सर्वे किया. जिसके बाद उन्होंने कहा जल्द ही वे इसकी रिपोर्ट सिंचाई विभाग को सौपेंगे.

बता दें आस्था का केंद्र गर्जिया माता मंदिर खतरे की जद में है. गर्जिया मंदिर के टीले में दरार आई है. मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए पिछले डेढ़ साल से कवायद चल रही है. लेकिन मंदिर की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है. इस बार फिर से हो रही बरसात में मंदिर को खतरा बना हुआ है. ऐसे में सिंचाई विभाग ने इसको लेकर प्रोजेक्ट बनाया था, जो 4 करोड़ 54 लाख का था. जिसको लेकर देहरादून में हुई बैठक में टीएसी (राज्य तकनीकी सलाहकार समिति) ने निरस्त कर दिया. टीएसी का कहना था कि गार्जिया मंदिर के ऊपर से नीचे तक का एक प्रोजेक्ट बनाया जायं, क्योंकि मंदिर के टीले के साथ ही ऊपरी भाग में भी कुछ दरारें आ रही हैं.
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बता दें गर्जिया मंदिर का टीला एक नाजुक प्वाइंट पर पहुंच चुका है. 2021 अक्टूबर माह में आई बाढ़ की वजह से टीले में काफी दरार आई है. 2021 अक्टूबर में आई बाढ़ की वजह से जो ब्लॉक पूरी तरह डैमेज हो गये थे, वर्तमान में इसके लिए एक योजना बनाई गई है.

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