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कुमाऊं में संसाधनों की कमी से जूझ रहा आबकारी विभाग, कैसे थमेगी तस्करी - नैनीताल आबकारी विभाग

नैनीताल आबकारी विभाग में कर्मचारियों और संसाधनों की भारी कमी है. जिसकी वजह से अवैध शराब कारोबारी इसका फायदा उठाकर अपना गोरखधंधा चला रहे हैं. अगर विभाग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द नहीं की गई तो शराब माफियाओं पर लगाना मुश्किल होगा.

हल्द्वानी
नैनीताल आबकारी विभाग
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Published : Aug 28, 2020, 6:51 PM IST

Updated : Aug 29, 2020, 11:37 AM IST

हल्द्वानी: कर्मचारियों और वाहनों की कमी से जूझ रहा आबकारी. नैनीताल जिले में अवैध शराब और कच्ची शराब का गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. जंगलों में जहां कच्ची शराब बनाने का धंधा जोरों पर है तो वहीं, अवैध शराब का भी कारोबार बेखौफ चल रहा है. कच्ची और अवैध शराब को लेकर जहां ग्रामीण आंदोलित हैं. वहीं, कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग भी इस गोरखधंधा पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है.

कुमाऊं में संसाधनों की कमी से जूझ रहा आबकारी विभाग

आबकारी विभाग में सिपाहियों और वाहनों की कमी का फायदा अवैध शराब कारोबारी उठाते हैं. नैनीताल जनपद में अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए तीन क्षेत्रीय कार्यालय है, जबकि एक जनपदीय परिवर्तन दल और एक मंडलीय परिवर्तन दल काम कर रहा है, लेकिन अवैध शराब के कारोबार पर लगाम नहीं लग रही है.

बताया जा रहा है कि नैनीताल जनपद में आबकारी इंस्पेक्टर सहित सिपाहियों के 27 पद हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 17 कर्मचारियों के सहारे आबकारी विभाग चल रहा है. यही नहीं जनपद के 3 क्षेत्रीय आबकारी कार्यालय के पास एक भी वाहन नहीं है, जिससे कि आबकारी विभाग की टीम अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के दौरान वाहन का उपयोग नहीं कर पाते हैं.

आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी में एक इंस्पेक्टर, एक उप आबकारी निरीक्षक, दो प्रधान आबकारी सिपाही और आबकारी सिपाही के तीन पद हैं, लेकिन वर्तमान में एक आबकारी इंस्पेक्टर, एक आबकारी निरीक्षक, एक प्रधान आबकारी सिपाही और एक आबकारी सिपाही के सहारे चल रहा है. वहीं, कर्मचारियों की आने जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं है.

ये भी पढ़े: मां नंदा सुनंदा देवी महोत्सव में पंच आरती का है विशेष महत्व

वहीं, आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय नैनीताल में एक इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक, दो प्रधान सिपाही और तीन आबकारी सिपाही के पद हैं, लेकिन वर्तमान में एक इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक, एक प्रधान सिपाही और 3 सिपाही तैनात हैं. वहीं, आने जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं है.

उधर, आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय रामनगर की बात करें तो एक इंस्पेक्टर, एक प्रधान आबकारी सिपाही और 3 सिपाही के पद हैं. रामनगर आबकारी विभाग में चार लोगों की तैनाती है, जिसमें दो लोग वर्तमान में छुट्टी पर चल रहे हैं, जबकि रामनगर के आबकारी इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी हल्द्वानी के आबकारी इंस्पेक्टर पर ही है. रामनगर क्षेत्रीय कार्यालय के पास कोई भी सरकारी वाहन नहीं है.

बात जनपद के आबकारी परिवर्तन दल (SOG) की करें तो प्रवर्तन दल में 8 पद हैं. जिसकी जिम्मेदारी 5 लोग निभा रहे हैं और दल के पास वर्षों पुराना खटारा वाहन है. वहीं, कुमाऊं मंडल की प्रवर्तन दल में 11 पद नियुक्त हैं, जिसमें वर्तमान में 4 लोग तैनात हैं, जबकि वर्षों पुरानी वाहन के सहारे कुमाऊं मंडल के प्रवर्तन दल मंडल के 6 जिलों में अवैध शराब पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी है.

संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं केके कांडपाल के मुताबिक, वर्तमान में आबकारी विभाग के पास सिपाही सहित कर्मचारियों की भारी कमी है. जिसके लिए शासन में भर्ती प्रक्रिया का काम चल रहा है. वैकल्पिक तौर पर पीआरडी के जवानों से काम लिया जा रहा है. अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम लगातार काम कर रही है.

हल्द्वानी: कर्मचारियों और वाहनों की कमी से जूझ रहा आबकारी. नैनीताल जिले में अवैध शराब और कच्ची शराब का गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. जंगलों में जहां कच्ची शराब बनाने का धंधा जोरों पर है तो वहीं, अवैध शराब का भी कारोबार बेखौफ चल रहा है. कच्ची और अवैध शराब को लेकर जहां ग्रामीण आंदोलित हैं. वहीं, कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग भी इस गोरखधंधा पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है.

कुमाऊं में संसाधनों की कमी से जूझ रहा आबकारी विभाग

आबकारी विभाग में सिपाहियों और वाहनों की कमी का फायदा अवैध शराब कारोबारी उठाते हैं. नैनीताल जनपद में अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए तीन क्षेत्रीय कार्यालय है, जबकि एक जनपदीय परिवर्तन दल और एक मंडलीय परिवर्तन दल काम कर रहा है, लेकिन अवैध शराब के कारोबार पर लगाम नहीं लग रही है.

बताया जा रहा है कि नैनीताल जनपद में आबकारी इंस्पेक्टर सहित सिपाहियों के 27 पद हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 17 कर्मचारियों के सहारे आबकारी विभाग चल रहा है. यही नहीं जनपद के 3 क्षेत्रीय आबकारी कार्यालय के पास एक भी वाहन नहीं है, जिससे कि आबकारी विभाग की टीम अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के दौरान वाहन का उपयोग नहीं कर पाते हैं.

आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी में एक इंस्पेक्टर, एक उप आबकारी निरीक्षक, दो प्रधान आबकारी सिपाही और आबकारी सिपाही के तीन पद हैं, लेकिन वर्तमान में एक आबकारी इंस्पेक्टर, एक आबकारी निरीक्षक, एक प्रधान आबकारी सिपाही और एक आबकारी सिपाही के सहारे चल रहा है. वहीं, कर्मचारियों की आने जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं है.

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वहीं, आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय नैनीताल में एक इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक, दो प्रधान सिपाही और तीन आबकारी सिपाही के पद हैं, लेकिन वर्तमान में एक इंस्पेक्टर, एक उपनिरीक्षक, एक प्रधान सिपाही और 3 सिपाही तैनात हैं. वहीं, आने जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं है.

उधर, आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय रामनगर की बात करें तो एक इंस्पेक्टर, एक प्रधान आबकारी सिपाही और 3 सिपाही के पद हैं. रामनगर आबकारी विभाग में चार लोगों की तैनाती है, जिसमें दो लोग वर्तमान में छुट्टी पर चल रहे हैं, जबकि रामनगर के आबकारी इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी हल्द्वानी के आबकारी इंस्पेक्टर पर ही है. रामनगर क्षेत्रीय कार्यालय के पास कोई भी सरकारी वाहन नहीं है.

बात जनपद के आबकारी परिवर्तन दल (SOG) की करें तो प्रवर्तन दल में 8 पद हैं. जिसकी जिम्मेदारी 5 लोग निभा रहे हैं और दल के पास वर्षों पुराना खटारा वाहन है. वहीं, कुमाऊं मंडल की प्रवर्तन दल में 11 पद नियुक्त हैं, जिसमें वर्तमान में 4 लोग तैनात हैं, जबकि वर्षों पुरानी वाहन के सहारे कुमाऊं मंडल के प्रवर्तन दल मंडल के 6 जिलों में अवैध शराब पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी है.

संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं केके कांडपाल के मुताबिक, वर्तमान में आबकारी विभाग के पास सिपाही सहित कर्मचारियों की भारी कमी है. जिसके लिए शासन में भर्ती प्रक्रिया का काम चल रहा है. वैकल्पिक तौर पर पीआरडी के जवानों से काम लिया जा रहा है. अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम लगातार काम कर रही है.

Last Updated : Aug 29, 2020, 11:37 AM IST
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