रामनगर: देवभूमि (Devbhoomi) में अद्भुत पराक्रम वाले वीर सैनिकों की कभी भी कमी नहीं रही है. यहां के वीर सपूतों ने देश की आन, बान और शान के लिए निस्वार्थ भाव से अपने प्राणों की आहुति दी है. ऐसे में मंगलवार देर शाम दो शहीद परिवारों के घर से पूर्व सैनिकों की टीम ने सैनिक धाम के लिए मिट्टी उठाई. इस दौरान पूर्व सैनिकों का लोगों ने भव्य स्वागत किया.
उत्तराखंड के हर गांव, कस्बे और शहर में ऐसे बहुत से जांबाज वीर योद्धा (brave warrior) पैदा हुए हैं, जिनकी वीरता की मिसाल (example of bravery) संपूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित है. इसके लिए सरकार ने राजधानी देहरादून में पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम की स्थापना करने जा रही है. जहां उत्तराखंड के सभी शहीद सैनिकों को (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के शहीदों के घरों की पवित्र मिट्टी (Holy soil of martyrs house) कलश के माध्यम से एकत्रित की जा रही है.
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उत्तराखंड सैनिक कल्याण विभाग (Uttarakhand Sainik Welfare Department) की ओर से सम्मान यात्रा के पहले चरण में मंगलवार देर शाम रामनगर के 2 वीर शहीदों के घर से पवित्र रज (मिट्टी) एकत्रित करने का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. रामनगर के गंगोत्री विहार गली नंबर 3 में सन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-Pakistani War of 1971) में शहीद हुए कुमाऊं रेजीमेंट (Kumaon Regiment) के नायक नीलांबर पांडे (Nayak Nilambar Pandey) की वीरांगना मुन्नी देवी ने सैन्य अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अपने घर की पवित्र मिट्टी सौंपी.
वहीं, ग्राम नई बस्ती आमपोखरा में 1962 भारत-चीन युद्ध (1962 India-China War) में पायनियर कोर के शहीद पायनियर चेतराम (Shaheed Pioneer Chetram) की पुत्री मोहनी देवी ने कलश में पवित्र मिट्टी सौंपी. दरअसल पूरे राज्य में मातृभूमि की रक्षा के कुल वीर शहीद हुए थे. जिनमें 8 शहीद परिवार अपने पैतृक गांव पहुंचकर सैनिक धाम के लिए पवित्र मिट्टी दे रहे हैं.
वहीं, दो शहीदों के परिवार स्वास्थ्य कारणों से अपने गांव नहीं जा सके थे. इस अवसर पर रामनगर विधानसभा के विधायक दीवान सिंह बिष्ट, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास (District Sainik Welfare & Rehabilitation) अधिकारी कैप्टन आर एस धपोला, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन पोखरियाल ,पूर्व सैनिक इंदर रावत, भुवन डंगवाल आदि लोग मौजूद थे.