रामनगर: सांपों के संरक्षण और उनको बचाने के लिए 'सेव द स्नेक' सोसायटी का गठन किया गया है. सेव द स्नेक संस्था के सदस्यों को कोई भी सूचना मिलने के बाद सोसायटी के अध्यक्ष सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप के दिशा निर्देश अनुसार किसी भी परिस्थिति में किसी भी समय मौके पर पहुंच कर विषैले सांपों को रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ दिया जाता है. इससे लोगों की जान तो बचती ही है और सांप भी सुरक्षित हो जाते हैं.
लेकिन, बीते तीन वर्षों से सोसायटी द्वारा विभागीय अधिकारियों से पकड़े गए सांपों को रखने के लिए पेटियां, रात के लिए टॉर्च और कुछ जरूरी उपकरणों की मांग की जा रही है. लेकिन कोई मदद नहीं मिलती. इसके चलते पकड़े गए सांपों को सोसाइटी मजबूरन टूटी-फूटी पेटियों और प्लास्टिक के डिब्बों में रखने को मजबूर है. इससे कभी भी सोसायटी के सदस्यों के साथ घटना हो सकती है. साथ ही उनके परिवारों को भी खतरा बना हुआ है.
पढ़ें: हल्द्वानी: निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत, हॉस्पिटल सील
बता दें कि, सोसाइटी द्वारा अभी तक लगभग 20 हजार से अधिक सांपों को पकड़ कर जंगल में छोड़ा गया है. वहीं, कई लोगों को सांप के काटने के बाद उपचार कर उनकी जान भी बचाई गई. लेकिन आज संस्था के अध्यक्ष चंद्रसेन कश्यप विभागों द्वारा अनदेखा करने पर उदास हैं. चंद्रसेन कश्यप ने कहा कि, इंसानों और सांपों को बचाना उनके जीवन का लक्ष्य है. वह यह काम जीवन भर करते रहेंगे.