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रामनगर: कालाढूंगी में इको ब्रिज बनने से कम हुई दुर्घटनाएं, वन विभाग ने जताई खुशी - इको ब्रिज

छोटे जीवों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कालाढूंगी रेंज में इको ब्रिज बनाया गया था. जो सार्थक साबित हो रहा है. इको ब्रिज के बनने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है.

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Published : Aug 18, 2021, 11:25 AM IST

रामनगर: छोटे जीवों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कालाढूंगी रेंज में इको ब्रिज बनाया गया था. जिसकी मदद से रेंगने वाले छोटे जीव सड़क पर वाहनों की चपेट में आये बिना आसानी से इधर-उधर जा सकें. इस ईको ब्रिज पर होने वाली हलचल की मॉनिटरिंग के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था, ताकि पता लगाया जा सके कि ईको ब्रिज का इस्तेमाल आवाजाही के लिए छोटे जीव या जानवर कर रहे हैं कि नहीं. जिसके परिणामों से वन विभाग गदगद नजर आ रहा है.

बता दें कि करीब एक साल पहले वन प्रभाग रामनगर ने छोटे जीवों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए कालाढूंगी रेंज में इको ब्रिज बनाया गया था ताकि बिना सड़क पर जाए छोटे और रेंगने वाले जानवर सुरक्षित सड़क को पार कर सकें. यह इको ब्रिज 90 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा है. इस पुल को बांस, जूट और घास की मदद से बनाया गया है. जिसमें 2 लाख की लागत आई थी. इस इको ब्रिज को नैनीताल-कालाढूंगी मोटर मार्ग के बीच बनाया गया है.

कालाढूंगी में इको ब्रिज से कम हुई दुर्घटनाएं.

पढ़ें: दयारा बुग्याल में मनाया गया 'बटर फेस्टिवल', दही और मक्खन से खेली गई होली

इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि कालाढूंगी-नैनीताल मोटर मार्ग के बीच इस स्थान पर लगातार रेंगने वाले छोटे जीव सड़क पार करते हुए एक्सीडेंट का शिकार हो रहे थे. इसको देखते हुए 1 वर्ष पूर्व उनके द्वारा छोटे जीवों को बचाने के लिए एक इको ब्रिज का निर्माण किया गया था. जो अब सार्थक साबित हो रहा है. डीएफओ ने बताया कि लगातार इस ब्रिज पर कछुए, सांप व अन्य रेंगने वाले जीवों की आवाजाही देखी गई है. साथ ही ब्रिज पर इनकी मूवमेंट की मॉनिटरिंग के लिए कैमरा भी लगाया गया है.

रामनगर: छोटे जीवों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कालाढूंगी रेंज में इको ब्रिज बनाया गया था. जिसकी मदद से रेंगने वाले छोटे जीव सड़क पर वाहनों की चपेट में आये बिना आसानी से इधर-उधर जा सकें. इस ईको ब्रिज पर होने वाली हलचल की मॉनिटरिंग के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था, ताकि पता लगाया जा सके कि ईको ब्रिज का इस्तेमाल आवाजाही के लिए छोटे जीव या जानवर कर रहे हैं कि नहीं. जिसके परिणामों से वन विभाग गदगद नजर आ रहा है.

बता दें कि करीब एक साल पहले वन प्रभाग रामनगर ने छोटे जीवों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए कालाढूंगी रेंज में इको ब्रिज बनाया गया था ताकि बिना सड़क पर जाए छोटे और रेंगने वाले जानवर सुरक्षित सड़क को पार कर सकें. यह इको ब्रिज 90 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा है. इस पुल को बांस, जूट और घास की मदद से बनाया गया है. जिसमें 2 लाख की लागत आई थी. इस इको ब्रिज को नैनीताल-कालाढूंगी मोटर मार्ग के बीच बनाया गया है.

कालाढूंगी में इको ब्रिज से कम हुई दुर्घटनाएं.

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इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि कालाढूंगी-नैनीताल मोटर मार्ग के बीच इस स्थान पर लगातार रेंगने वाले छोटे जीव सड़क पार करते हुए एक्सीडेंट का शिकार हो रहे थे. इसको देखते हुए 1 वर्ष पूर्व उनके द्वारा छोटे जीवों को बचाने के लिए एक इको ब्रिज का निर्माण किया गया था. जो अब सार्थक साबित हो रहा है. डीएफओ ने बताया कि लगातार इस ब्रिज पर कछुए, सांप व अन्य रेंगने वाले जीवों की आवाजाही देखी गई है. साथ ही ब्रिज पर इनकी मूवमेंट की मॉनिटरिंग के लिए कैमरा भी लगाया गया है.

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