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रामगंगा नदी की ड्रोन मैपिंग, नमामि गंगा योजना के तहत जर्मनी की संस्था कर रही कार्य

भारत सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत रामगंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की ड्रोन मैपिंग की जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य नदियों की स्वच्छता व अविरलता बनाए रखना है. ड्रोन मैपिंग से नदियों में पानी की मात्रा का आकलन किया जा रहा है.

Drone mapping of Ramganga river
रामगंगा नदी की ड्रोन मैपिंग
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Published : Dec 19, 2021, 10:49 AM IST

Updated : Dec 19, 2021, 1:34 PM IST

रामनगर: पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में नमामि गंगे (Namami Gange Programme) के तहत नदी उत्सव 2021 (Nadi Utsav 2021) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार जगमोहन गुप्ता ने शिरकत की. उन्होंने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही नमामि गंगे योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को नदियों की स्वच्छता सफाई व संरक्षण एवं संवर्धन के बारे में जागरूक किया.

जगमोहन गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 26 अगस्त को अपने मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat Program) में नदी उत्सव मनाने का आह्वान किया था. इसलिए आज यहां नदी उत्सव मनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से बहने वाली रामगंगा नदी की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जा रही है. यह मैपिंग नमामि गंगा के तहत जर्मनी की संस्था जीआईजेड द्वारा की जा रही है. इससे यह पता लगेगा कि गढ़वाल में और कितने स्रोत हैं, जो इस नदी में समाहित हो रहे हैं और उनमें कितना पानी है.

रामगंगा नदी की ड्रोन मैपिंग

उन्होंने कहा कि नदियों की स्वच्छता व अविरलता बनाए रखना ही नदी उत्सव का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने बताया कि चार साल से मनाए जाने वाले गंगा उत्सव को अब नदी उत्सव में तब्दील कर दिया गया है. उसी के तहत रामनगर में भी नदी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में नए जिलों के गठन पर सियासत शुरू, दर्जनभर सीटों पर प्रभाव डालने का पैंतरा

पवित्र नदी है रामगंगा नदी: पौड़ी गढ़वाल के दूधातोली से निकलने वाली यह नदी भारत की प्रमुख और पवित्र नदियों में से एक है. रामगंगा नदी का उद्गम पौड़ी गढ़वाल जिले के दूधातोली पहाड़ी की दक्षिणी ढलानों से होता है. उन्होंने बताया कि रामगंगा नदी और इसकी अन्य सभी सहायक नदियों की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जा रही है, जिससे नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास किए जा सके.

रामनगर: पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में नमामि गंगे (Namami Gange Programme) के तहत नदी उत्सव 2021 (Nadi Utsav 2021) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार जगमोहन गुप्ता ने शिरकत की. उन्होंने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही नमामि गंगे योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को नदियों की स्वच्छता सफाई व संरक्षण एवं संवर्धन के बारे में जागरूक किया.

जगमोहन गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 26 अगस्त को अपने मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat Program) में नदी उत्सव मनाने का आह्वान किया था. इसलिए आज यहां नदी उत्सव मनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से बहने वाली रामगंगा नदी की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जा रही है. यह मैपिंग नमामि गंगा के तहत जर्मनी की संस्था जीआईजेड द्वारा की जा रही है. इससे यह पता लगेगा कि गढ़वाल में और कितने स्रोत हैं, जो इस नदी में समाहित हो रहे हैं और उनमें कितना पानी है.

रामगंगा नदी की ड्रोन मैपिंग

उन्होंने कहा कि नदियों की स्वच्छता व अविरलता बनाए रखना ही नदी उत्सव का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने बताया कि चार साल से मनाए जाने वाले गंगा उत्सव को अब नदी उत्सव में तब्दील कर दिया गया है. उसी के तहत रामनगर में भी नदी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

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पवित्र नदी है रामगंगा नदी: पौड़ी गढ़वाल के दूधातोली से निकलने वाली यह नदी भारत की प्रमुख और पवित्र नदियों में से एक है. रामगंगा नदी का उद्गम पौड़ी गढ़वाल जिले के दूधातोली पहाड़ी की दक्षिणी ढलानों से होता है. उन्होंने बताया कि रामगंगा नदी और इसकी अन्य सभी सहायक नदियों की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जा रही है, जिससे नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास किए जा सके.

Last Updated : Dec 19, 2021, 1:34 PM IST
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