हल्द्वानीः देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर बीते एक साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है. जिसका असर प्रदेश के ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी साफ देखने को मिल रहा है. मंदी का असर नौकरियों पर भी पड़ रहा है. इतना ही नहीं इस साल जुलाई महीने में वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई. ऑटोमोबाइल में बिक्री में कमी के चलते प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर में वाहनों की बिक्री में गिरावट का सिलसिला बीते 9 महीने से चल रहा है. घाटे की स्थिति को सुधारने के लिए उद्योगपतियों ने जीएसटी की दर को भी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 फीसदी की मांग की है. इतना ही नहीं ऑटो सेक्टर में लगातार गिरावट के बाद कंपनियों की ओर कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है.
बताया जा रहा है कि देश में अभी तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में काम करने वाले करीब 15 हजार लोगों की नौकरियां जा चुकी है. कुमाऊं मंडल परिवहन विभाग संभाग की बात करें तो साल 2017-18 की तुलना में साल 18-19 में वाहनों की बिक्री कम दर्ज की गई है. वहीं, अप्रैल 2019 से जुलाई तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे कम बिक्री हुई है.
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कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी, रुद्रपुर, चंपावत, काशीपुर और रामनगर परिवहन विभाग संभाग में हुए वाहनों का रजिस्ट्रेशन-
2017-18 मार्च तक रजिस्ट्रेशन
- 6367- कमर्शियल वाहन
- 17524- प्राइवेट कार और अन्य वाहन
- 68096- बाइक रजिस्टर्ड
- 91987- कुल रजिस्ट्रेशन वाहन.
साल 2018-19 मार्च तक रजिस्ट्रेशन
- 7224- कमर्शियल वाहन
- 15685- प्राइवेट वाहन
- 65886- बाइकों का रजिस्ट्रेशन
- 88846- कुल वाहन रजिस्टर्ड.
वहीं, अप्रैल 2019 से जुलाई 2019 तक मात्र 27225 वाहन ही कुमाऊं मंडल के संभागों में पंजीकृत हुए हैं. जबकि, बीते साल 2018 अप्रैल से 2018 जुलाई तक 31145 वाहन रजिस्टर्ड किए गए थे. इस बार उधम सिंह नगर में सबसे ज्यादा वाहनों की बिक्री हुई है. जबकि, दूसरे नंबर पर नैनीताल जनपद वाहनों की बिक्री में रहा है.
एआरटीओ संदीप वर्मा का कहना है कि ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते बीते साल की तुलना में इस साल रजिस्ट्रेशन में काफी कमी देखी गई है. ऑटो सेक्टर में मंदी का सबसे ज्यादा असर प्राइवेट वाहनों पर देखने को मिल रहा है जो रजिस्ट्रेशन की संख्या सबसे ज्यादा कम है. साथ ही बताया कि वाहनों की कम रजिस्ट्रेशन होने के चलते परिवहन विभाग के राजस्व पर भी खासा असर दिखाई दे रहा है.