रामनगर: बीते दिनों रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के निरीक्षण के दौरान उनकी अस्पताल संचालक दीपक गोयल से नोकझोक हो गई थी, जिसको लेकर हॉस्पिटल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने हाथों में काले पट्टी बाधकर मंत्री भगत के खिलाफ अपना विरोध जताया. वहीं विरोध कर रहे डॉक्टरों ने मंत्री के व्यवहार की निंदा भी की. इस दौरान डॉक्टरों ने हॉस्पिटलों के बाहर नारेबाजी भी की.
डॉक्टरों का कहना था कि वह कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन पर दबाव बनाने के साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाना गलत है. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा कि एक डॉक्टर नेता बन सकता है, लेकिन नेता डॉक्टर नहीं बन सकता.
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वहीं इस मामले में बीजेपी विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कहा कि हॉस्पिटल में यदि व्यवस्थाएं ठीक होगी तो शाबासी दी जाएगी और यदि गलत होगा तो उसके लिए डांटा भी जाएगा. कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत कोविड प्रभारी मंत्री भी है. इसीलिए उन्हें जो गलत लगा उसको लेकर कहा.
विधायक बिष्ट ने कहा कि मंत्री के सामने अस्पताल संचालक ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, वह भी गलत था. बावजूद इसके कार्यकर्ता शांत रहे. उन्हें नहीं पता डॉक्टरों के मन में क्या हैं? वहीं इस बारे में एसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने कहा कि उन्हें डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन की कोई जानकारी नहीं है.
क्या मामला है
बता दें कि रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर को पीपीपी मोड है. कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के पास हॉस्पिटल में सुविधाओं को लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद बीती 18 मई को मंत्री बंशीधर भगत हॉस्पिटल गए थे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल संचालक से कुछ सवाल किए थे, जो उन्हें नागवार गुजरा था.